यदि दीमक की बांबी गिराने में सावधानता नही बरती तो वह ढह जाता है और मिट्टी के मलबे मे रानी दीमक कहाँ दबी उसका पता चलना असंभव होता है।
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यहाँ पर ध्यान करने से निर्लोभता, प्रेम, सत्य, सावधानता, समदर्शिता, अहिंसकता, वात्सल्य, विवेक, जिज्ञासुता, दया, क्षमा और करुणा शक्ति प्राप्त होती है।
23.
हे रघुनन्दन, दूसरों के द्वारा न चुराया जा सकने वाला तथा पूज्यजनों द्वारा बड़ी सावधानता से सुरक्षित परम साधनभूत शमरूपी अमृत के अवलम्बन से अनेक महानुभाव जिस क्रम से परम पद को प्राप्त हुए हैं, आप भी सिद्धि के लिए उसी क्रम का अवलम्बन कीजिए।।