अगर किसी व्यक्ति के शरीर में लौह-तत्व की कमी हो जाती है तो उसे खून की कमी, थकावट सी महसूस होना, त्वचा का रंग बदल जाना, चिड़चिड़ापन, सिर चकराना, दिल की धड़कन तेज होना, शरीर को बार-बार किसी तरह का रोग हो जाना जैसे रोग पैदा हो जाते हैं।
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शरीर में खून की कमी के कारण रोगी की शारीरिक शक्ति कम हो जाती है, भूख नहीं लगती, बदहजमी, श्लैष्मिक झिल्लियों में खून का कम हो जाना, सिरदर्द, सांस लेने में परेशानी, हृदय की धड़कन तेज होना, जीभ पर छाले पड़ना, शारीरिक वजन कम होना, सिर चकराना तथा नाड़ी की गति बढ़ जाना आदि लक्षण उत्पन्न होते हैं।
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अधिक कार्बन डाइऑक्साइड वाले स्थान पर काम करने से होने वाले शारीरिक हानि पर खून में मौजूद लालरक्तकणों रंजक पदार्थ बदल जाता है और प्राणवायु का संचार पूरे शरीर में ठीक से नहीं हो पाता जिसके कारण अनेक प्रकार के लक्षण उत्पन्न होते हैं, जैसे-दम फूलना, सिर चकराना, सिर दर्द होना, बेहोशी आना, हृदय में कंपन होना तथा बिना किसी कारण थकान महसूस होना, पेशियों में ऐंठन सा दर्द होना, शरीर का नीला पड़ जाना और साथ ही नींद का अधिक आना, निराशा व अनिद्रा आदि।