३ शहरी क्षेत्रों में उपभोक्ता सहकारी समितियों के विकास की केन्द्रीय प्रायोजितयोजनाओ के तहत ये कार्यवाही की गई है-हानि में चल रही समितियों / भंडारों केकार्यकरण को सुप्रवाही बनाया गया है, अच्छा कार्य कर रही समितियों को अधिक खुदराबिक्री केन्द्र खोलने की अनुमति देकर उनके कार्यक्षेत्र का विस्तार किया गया हैबीमार/कमजोर थोक उपभोक्ता भंडारों की पुनःस्थापना की गई है तथा राज्य उपभोक्तासहकारी संघों को उनके व्यापार का विस्तार करने तथा उसमें विविधता लाने और साथ हीउपभोक्ता उद्योग लगाने के लिए मजबूत किया गया.
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३ शहरी क्षेत्रों में उपभोक्ता सहकारी समितियों के विकास की केन्द्रीय प्रायोजितयोजनाओ के तहत ये कार्यवाही की गई है-हानि में चल रही समितियों / भंडारों केकार्यकरण को सुप्रवाही बनाया गया है, अच्छा कार्य कर रही समितियों को अधिक खुदराबिक्री केन्द्र खोलने की अनुमति देकर उनके कार्यक्षेत्र का विस्तार किया गया हैबीमार/कमजोर थोक उपभोक्ता भंडारों की पुनःस्थापना की गई है तथा राज्य उपभोक्तासहकारी संघों को उनके व्यापार का विस्तार करने तथा उसमें विविधता लाने और साथ हीउपभोक्ता उद्योग लगाने के लिए मजबूत किया गया.