सूक्ष्मजीवी रोगाणुओं से संबंधित मापदंड अपने तात्कालिक स्वास्थ्य जोखिम की वजह से आम तौर पर सबसे बड़ी चिंता का विषय रहे हैं.
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हेलिकोवर्पा आर्मिजेरा (हे.एन.पी.वी.) का न्युक्लियर पोलीहेड्रेसिस विषाणु-हे.एन.पी.वी.को.हे. आर्मिजेरा के प्रति एक बहुत प्रभावी सूक्ष्मजीवी जैवनाशी के रूप में प्रयोग किया जाता है।
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भौतिक मानदंड पीने के पानी की सुंदरता और स्वाद को प्रभावित करते हैं और सूक्ष्मजीवी रोगज़नक़ों को हटाने को मुश्किल बना सकते हैं.
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एक बार छोड़ दिए जाने पर ये सूक्ष्मजीवी हवा में बिखर जाते हैं और वायु के साथ-साथ हजारों मील के क्षेत्र में फैल जाते हैं।
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एक बार छोड़ दिए जाने पर ये सूक्ष्मजीवी हवा में बिखर जाते हैं और वायु के साथ-साथ हजारों मील के क्षेत्र में फैल जाते हैं।
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मौखिक सूक्ष्मजैविकीमें मुख के भीतर के सूक्ष्मजीवों का अध्ययन, खासकर जो सूक्ष्मजीवी दंतक्षय एवं दंतपरिधीय (पैरियोडॉंन्टल) रोगों के कारण हैं उनका अध्ययन किया जाता है।
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मौखिक सूक्ष्मजैविकीमें मुख के भीतर के सूक्ष्मजीवों का अध्ययन, खासकर जो सूक्ष्मजीवी दंतक्षय एवं दंतपरिधीय (पैरियोडॉंन्टल) रोगों के कारण हैं उनका अध्ययन किया जाता है।
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मौखिक सूक्ष्मजैविकी में मुख के भीतर के सूक्ष्मजीवों का अध्ययन, खासकर जो सूक्ष्मजीवी दंतक्षय एवं दंतपरिधीय (पैरियोडॉंन्टल) रोगों के कारण हैं उनका अध्ययन किया जाता है।
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स्टार्च और सेलूलोज जैसे प्राकृतिक अणुओं के साथ यह समस्या नहीं होती, क्यौंकि एंजाइम प्रतिक्रियाओं से कम अणुभार वाले अंशों में परिवर्तन सूक्ष्मजीवी की कोशिका के बाहर होता है.
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स्टार्च और सेलूलोज जैसे प्राकृतिक अणुओं के साथ यह समस्या नहीं होती, क्यौंकि एंजाइम प्रतिक्रियाओं से कम अणुभार वाले अंशों में परिवर्तन सूक्ष्मजीवी की कोशिका के बाहर होता है.