पहली पट्टिका एक कमानी द्वारा सूक्ष्ममापी पेंच से जुड़ी होती है और ऊपर नीचे चलाई जा सकती है।
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इसमें एक पट्टिका पर जो सूक्ष्ममापी पेच से आगे पीछे चलाई जा सकती है, २०० वोल्ट का विभव लगाया जाता हैं।
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अब इस यंत्र में स्वत: अभिलेखी (self recording) सूक्ष्ममापी लगा रहता है और वह समयलेखी (chronograph) के साथ प्रयुक्त होता है।
24.
सूक्ष्ममापी (Micrometer) वह व्यक्ति है जिसका उपयोग सूक्ष्मकोण एवं विस्तार मापने के लिए इंजीनियरों, खगोलज्ञों एवं यांत्रिक विज्ञानियों द्वारा किया जाता है।
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संरक्षक वलय अपने स्थान पर निश्चित रहता है और दूसरी पट्टिका एक अन्य सूक्ष्ममापी पेंच से ऊपर नीचे चलाई जा सकती है।
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आजकल अधिकांश मापन फोटोग्राफी से होता है और अब फाइलर सूक्ष्ममापी का उपयोग स्थितिकोणों तथा अंतरालों के मापने में ही हो रहा है।
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आजकल अधिकांश मापन फोटोग्राफी से होता है और अब फाइलर सूक्ष्ममापी का उपयोग स्थितिकोणों तथा अंतरालों के मापने में ही हो रहा है।
28.
जब सूक्ष्ममापी के संपूर्ण बक्स को चलाकर स्थिर तार को एक तारे पर लगाते हैं, तब दूसरा तारा सर्पी तार से द्विभाजित होता है।
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जब सूक्ष्ममापी के संपूर्ण बक्स को चलाकर स्थिर तार को एक तारे पर लगाते हैं, तब दूसरा तारा सर्पी तार से द्विभाजित होता है।
30.
एक पेंच, सूक्ष्ममापी के संपूर्ण बक्स को जिसमें दोनों तार रहते हैं, चलाता है, जबकि सम्मुख पेंच एक तार को दूसरे के सापेक्ष चलाता है।