इस मंदिर के स्थापत्य के बारे में यहाँ सूक्ष्म वर्णन मेरा उद्देश्य नहीं है अपितु संक्षेप (जो कुछ लम्बा भी हो सकता है) में कुछ कहना सार्थक जान पड़ता है.
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क्योंकि अष्टम सर्ग में कवि ने जगज्जननी माता पार्वती के सम्भोग श्रंगार का जितना सूक्ष्म वर्णन किया है, वैसा कालिदास जैसे कवि अपने आराध्य देव का नग्न चित्रण नहीं कर सकते थे।
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इस मंदिर के स्थापत्य के बारे में यहाँ सूक्ष्म वर्णन मेरा उद्देश्य नहीं है अपितु संक्षेप (जो कुछ लम्बा भी हो सकता है) में कुछ कहना सार्थक जान पड़ता है.
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में प्रकाशित ‘ रेखाएं-वृतचक्र ' नामक कहानी में स्वतंत्रता, बंटवारा तथा अन्य राजनीतिक घटनाओं का सूक्ष्म वर्णन है परंतु इस कहानी में एक घायल सैनिक के माध्यम से रेणु ने एक फैंटेसी के शिल्प का भी प्रयोग किया है।
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पेरियाळवार और सूरदास दोनों ने न केवल बाहरी रूपों और चेष्टाओं का ही विस्तृत और सूक्ष्म वर्णन किया है, बल्कि बालकों की अन्तः प्रकृति में भी पूरा प्रवेश किया है और बाल भावों की सुन्दर स्वाभाविक व्यंजना की है।
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लुप्त हो चुके सनातन योग की वापसी ‘ नमाज ‘ के रूप में नमाज का सूक्ष्म वर्णन गीता 6, 10-14 में मिलता है और करोड़ों भारतीय इस रीति से ‘ सनातन ईश्वर ‘ की उपासना करते हैं अतः नमाज़ एक भारतीय उपासना पद्धति है।
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कुछ विद्वान तो केवल सप्तम सर्ग तक ही कालिदास की रचना मानते हैं ; क्योंकि अष्टम सर्ग में कवि ने जगज्जननी माता पार्वती के सम्भोग श्रंगार का जितना सूक्ष्म वर्णन किया है, वैसा कालिदास जैसे कवि अपने आराध्य देव का नग्न चित्रण नहीं कर सकते थे।
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देवमन्या-थयमन्या (मूठमाती), सुकर् या-पाकर् या (नातं), इंजाण्या-पैंजण्या (परागंदा), परधन्या-राजा (बिनदरदी), अंजिर् या-बाकर् या (अखेरची सुटका), हरण्या-धिंगाण्या (लळा), शिंगर् या-गंभीर् या (घात-आघात), पार् या (जळीत), वावधन्या, सावकर् या और वकिल्या (परतफेड) आदि बैलों का जिक्र, उनका सूक्ष्म वर्णन, उनकी मर्मांतकता, दुःख, पीडा और उपकारों का वर्णन कहानियों में है।