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सूक्ष्म विषय उदाहरण वाक्य

उदाहरण वाक्य
21.थल तत्व या पृथ्वी तत्व का सूक्ष्म विषय ‘ गन्ध ' है यानि थल तथा थल तत्व प्रधान वस्तुओं की जानकारी व पहचान ‘ गन्ध ' के माध्यम से ही होती है।

22.दर्शन के सूक्ष्म विषय को समझने की योग्यता उसी में है जिसने कठोर तप और पुरुषार्थ से शारीर और मन को मजबूत बनाया हो, जो बिना क्लांत हुए लम्बी दौड़ लगा सकता हो.

23.शब्द सूक्ष्म विषय रूप आकाश में तो अभी शक्ति का ' प्रभाव ' प्रकट हुआ, परन्तु वह ' बल ' रूप में महसूस हुआ था-प्रभाव का खुल्लम खुल्ला प्राकटय नहीं हुआ था।

24.वायु तत्व विभाग आकाश तत्व विभाग के अन्तर्गत व अधीन ही रहता हुआ अपने सूक्ष्म विषय ' स्पर्श ' के माध्यम से ही वायु प्रधान विषय-वस्तुओं की जानकारी व पहचान तथा उसके आवश्यकतानुसार प्रयोग-उपयोग सम्बन्धी बातें होती-रहती हैं ।

25.भूतों के स्थूलरूप पर संयम करने से पहली पाँच, स्वरूप में संयम करने से प्राकाम्य ; सूक्ष्म विषय में संयम करने से वशित्व ; अन्वय में संयम करने से ईशितृत्व तथा अर्थवत्व में संयम करने से यत्रकामावसायित्व सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं।

26.आत्म-शक्ति अथवा ब्रम्ह-ज्योति ' प्रभा ' शक्ति के आपसी मेल-मिलाप से ही ' ह् ' अक्षर, शब्दादि सूक्ष्म विषय तथा आकाश आदि पदार्थ तत्व भी क्रमश: उत्पन्न हुये तथा उन्हीं आत्म-ज्योति से ही उत्पन्न, देव तथा देव लोकों की रचना में माध्यम बना ।

27.इसीलिए चारों का भी प्रभाव-शब्द-स्पर्श-रूप आदि अपने मूल सूक्ष्म विषय के माध्यम से ' रस ' यानी जल तत्व में समाहित होते हैं अर्थात् शक्ति के अधीन आकाश, शक्ति और आकाश के अधीन वायु, शक्ति-आकाश और वायु के अधीन अग्नि, शक्ति-आकाश-वायु और अग्नि के अधीन व अन्तर्गत जल तत्व विभाग गतिशील होता है ।

28.तत्पश्चात् परमतत्त्वम् रूप आत्मतत्त्वम् शब्दरूप शब्द-ब्रम्ह रूप परमब्रम्ह परमेश्वर या परमात्मा ने अपने में से ही ' आत्म ' शब्द को ज्योति रूपा शक्ति तथा उसको ' प्रभा ' से युक्त करते हुए प्रकट करते हुए पृथक् कर दिये, जिससे ज्योतिरूपा शक्ति भी पृथक् हो अपने सूक्ष्म विषय ' प्रभा ' के माध्यम से आकाश की उत्पत्तिा की।

29.थल तत्व का सूक्ष्म विषय गन्धा है यानी थल तथा थल तत्व प्रधान विषय वस्तुओं की मुख्यत: जानकारी व पहचान गन्ध के माधयम से ही होता है, हालाँकि शक्ति-आकाश-वायु-अग्नि-जल आदि पाँचों इकाइयाँ मिलकर ही आपसी मेल मिलाप से थल तत्व की रचना या उत्तपत्ति करती हैं या होती हैं, जिससे कि इन पाँचों के अपने सूक्ष्म विषय रूप प्रभाव-शब्द-स्पर्श-रूप-रस भी इस थल तत्व तथा इसके सूक्ष्म विषय रूप गन्ध में समाहित रहते हैं ।

30.थल तत्व का सूक्ष्म विषय गन्धा है यानी थल तथा थल तत्व प्रधान विषय वस्तुओं की मुख्यत: जानकारी व पहचान गन्ध के माधयम से ही होता है, हालाँकि शक्ति-आकाश-वायु-अग्नि-जल आदि पाँचों इकाइयाँ मिलकर ही आपसी मेल मिलाप से थल तत्व की रचना या उत्तपत्ति करती हैं या होती हैं, जिससे कि इन पाँचों के अपने सूक्ष्म विषय रूप प्रभाव-शब्द-स्पर्श-रूप-रस भी इस थल तत्व तथा इसके सूक्ष्म विषय रूप गन्ध में समाहित रहते हैं ।

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