वामपंथ के उत्कर्ष में उनके द्वारा प्रदान की गई अपरिकल्पनीय सेवाओं की सराहना करते हुए एक बार श्री एस. ए. डांगे ने सच ही कहा था, ” यदि श्री आर. बी. लोटवाला हमारे साथ नहीं होते तो ' उग्र सुधारवाद (रेडिकलिज़्म) ' भारत में कम से कम दो दशक विलंब से उभरता।
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अब इस विवाद के थम जाने के बाद सरकार ने सेना प्रमुख से उनकी गरिमा को ध्यान रखते हुए और उनकी सेवाओं की सराहना करते हुए उनसे पद पर बने रहने का निवेदन किया है और साथ ही इस अंदेश के साथ कि कहीं वे अपना पद न छोड़ दें नए सेना प्रमुख की खोज के लिए वरिष्ठ अधिकारियों का पैनेल भी बना दिया है.
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अब इस विवाद के थम जाने के बाद सरकार ने सेना प्रमुख से उनकी गरिमा को ध्यान रखते हुए और उनकी सेवाओं की सराहना करते हुए उनसे पद पर बने रहने का निवेदन किया है और साथ ही इस अंदेश के साथ कि कहीं वे अपना पद न छोड़ दें नए सेना प्रमुख की खोज के लिए वरिष्ठ अधिकारियों का पैनेल भी बना दिया है.