छत्तीसगढ की आंचलिक बोली के माधुर्य से सजे ब्लाग को देखना और अरुण कुमार निगम से परिचय होना खास कर खङी बोली पढने की आदत वालों को एक नयेपन का अहसास कराता है ।
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पढ़ाई करने के बाद जब हम लोक जीवन विकास भारती में जुड़े थे तो सामाजिक संस्थाओं के बीच में राधा बहन से परिचय होना ही सिर्फ एकमात्र नहीं था, बल्कि हमें सहज रूप में उनके रास्ते पर चलने की प्रेरणा भी हुई।
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मेरी रूचि हमेशा से शायरी करने में और पढ़ने में रही हैं, इसी रूचि के लगाव के चलते मेरा परिचय वॉर्डप्रेसस ब्लॉग से हुआ, और आप सभी महानुभवो से परिचय होना स्वाभाविक हो सका, आप सभी के ब्लॉग को देख मुझे भी प्रेरणा मिली, और एक कोशिश मैने भी शुरू की, जिसमे आप सभी का आशीर्वाद, प्यार और साथ बनाए रखने के लिए आप सभी का तहे-दिल से धन्यवाद!