सोडियम साइनाइड लवण को जल में घोलने पर विलयन में जलअपघटन की क्रिया होती है, जिसके फलस्वरूप विलयन में सोडियम हाइड्रॉक्साइड (क्षार) तथा हाइड्रोजन साइनाइड (हाइड्रोस्यानिक अम्ल) बने हैं और चूँकि सोडियम हाइड्रॉक्साइड तीव्र क्षार है, अत: लवण का विलयन क्षारीय होता है।
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सोडियम साइनाइड लवण को जल में घोलने पर विलयन में जलअपघटन की क्रिया होती है, जिसके फलस्वरूप विलयन में सोडियम हाइड्रॉक्साइड (क्षार) तथा हाइड्रोजन साइनाइड (हाइड्रोस्यानिक अम्ल) बने हैं और चूँकि सोडियम हाइड्रॉक्साइड तीव्र क्षार है, अत: लवण का विलयन क्षारीय होता है।
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सोडियम साइनाइड लवण को जल में घोलने पर विलयन में जलअपघटन की क्रिया होती है, जिसके फलस्वरूप विलयन में सोडियम हाइड्रॉक्साइड (क्षार) तथा हाइड्रोजन साइनाइड (हाइड्रोस्यानिक अम्ल) बने हैं और चूँकि सोडियम हाइड्रॉक्साइड तीव्र क्षार है, अत: लवण का विलयन क्षारीय होता है।
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सोडियम साइनाइड लवण को जल में घोलने पर विलयन में जलअपघटन की क्रिया होती है, जिसके फलस्वरूप विलयन में सोडियम हाइड्रॉक्साइड (क्षार) तथा हाइड्रोजन साइनाइड (हाइड्रोस्यानिक अम्ल) बने हैं और चूँकि सोडियम हाइड्रॉक्साइड तीव्र क्षार है, अत: लवण का विलयन क्षारीय होता है।
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सोडियम साइनाइड लवण को जल में घोलने पर विलयन में जलअपघटन की क्रिया होती है, जिसके फलस्वरूप विलयन में सोडियम हाइड्रॉक्साइड (क्षार) तथा हाइड्रोजन साइनाइड (हाइड्रोस्यानिक अम्ल) बने हैं और चूँकि सोडियम हाइड्रॉक्साइड तीव्र क्षार है, अत: लवण का विलयन क्षारीय होता है।