बृहस्पतिवार की रात्री को जब यह धूमकेतू सूर्य की परिक्रमा पथ पर सूर्य से मात्र 120 लाख किलोमीटर दूर था तब ये इस पर नजर रख रहे अंतरिक्ष सौर दूरबीन को यह अंतिम बार नजर आया फिर सूर्य की आभा मंडल से पार होता अपने ही केन्द्र मे सिकुड़ता व चमकता हुआ ऐसे लगा कि शायद यह बच गया परन्तु ऐसा नहीं हो सका।