इसमें केंद्र से लगभग 150 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक विशेष ग्रह भी शामिल था-पृथ्वी इस ग्रह की रचना लगभग 4. 54 बिलियन वर्ष पूर्व हुई | इसी प्रक्रिया से सौर-मण्डल के अन्य ग्रहों का उदय हुआ | यही प्रक्रिया पुनः पुनः ब्रह्माण्ड में नए नए तारों से चकरियों का निर्माण करती है, जिनमें से कुछ तारों से ग्रहों का निर्माण होता है |