| 21. | यह स्तोत्र पापसमूहों के प्रायश्चित के समान है।
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| 22. | -शनि स्तोत्र का पाठ व जप करें।
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| 23. | इह गणपति स्तोत्र च पठेद भक्ति भाव नरः।
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| 24. | बार एक सौ आठ करें, स्तोत्र का पठन..
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| 25. | शिव पंचाक्षर स्तोत्र उन्ही पाँचअक्षरों पर आधारित है।
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| 26. | काल में पठनीय एक नया स्तोत्र रचता हूँ. ”
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| 27. | निजात्माष्टक-यह आठ पद्यात्मक एक स्तोत्र है।
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| 28. | एकात्मता स्तोत्र > पवित्रात्मायें >
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| 29. | स्तोत्र ग्रंथों को शैव तिरुमुरै भी कहते है।
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| 30. | 2. शनि स्तोत्र का प्रतिदिन श्रद्धापूर्वक जाप करें.
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