उच्च श्रेणी के अनेक पौधों में एक ही फूल में स्त्रीकेसर (pistils) तथा पुंकेसर (stamens) समीपस्थ होते हैं ताकि गर्भाधान में सरलता हो।
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भ्रूण बढ़ते बढ़ते एक या दो दलवाले बीज बनाता है, परंतु उसके चारों तरफ का भाग अर्थात् अंडाशय, तथा स्त्रीकेसर (pistil) का पूरा भाग बढ़कर फल को बनाता है।
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कुछ फूलों में पुंकेसर और स्त्रीकेसर दोनों स्वनिषेचन में सक्षम होते हैं, जो कि बीजों के उत्पादन के अवसर बढ़ा देता है परन्तु आनुवंशिक विविधता को सीमित कर देता है.
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कुछ फूलों में पुंकेसर और स्त्रीकेसर दोनों स्वनिषेचन में सक्षम होते हैं, जो कि बीजों के उत्पादन के अवसर बढ़ा देता है परन्तु आनुवंशिक विविधता को सीमित कर देता है.
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या तो केवल पुंकेसर या स्त्रीकेसर अंगों को धारण किया हुए. पहले मामले में अगर एक विशेष पौधा जो कि या तो मादा या पुरूष है तो ऐसी नस्ल को डायोइसिअस (
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भ्रूण बढ़ते बढ़ते एक या दो दलवाले बीज बनाता है, परंतु उसके चारों तरफ का भाग अर्थात् अंडाशय, तथा स्त्रीकेसर (pistil) का पूरा भाग बढ़कर फल को बनाता है।
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या तो केवल पुंकेसर या स्त्रीकेसर अंगों को धारण किया हुए. पहले मामले में अगर एक विशेष पौधा जो कि या तो मादा या पुरूष है तो ऐसी नस्ल को डायोइसिअस (dioecious) माना जाता है.
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आमतौर पर नर और मादा प्रजनन अंग अलग-अलग फूलों में पाए जाते हैं, नर फूलों में लंबे लंबे पुंकेसर रेशे होते हैं जो की अन्तक में खुले होते हैं और मादा फलों में लंबे-लंबे पंख जैसे स्त्रीकेसर होते हैं.
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आमतौर पर नर और मादा प्रजनन अंग अलग-अलग फूलों में पाए जाते हैं, नर फूलों में लंबे लंबे पुंकेसर रेशे होते हैं जो की अन्तक में खुले होते हैं और मादा फलों में लंबे-लंबे पंख जैसे स्त्रीकेसर होते हैं.