| 21. | संक्षेप में स्थान के अनुसार अंकों के मूल्य निर्धारण के सिद्धान्त को स्थानीय मान कहते हौं।
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| 22. | स्थानीय मान पद्धति (Positional notation या place-value notation) संख्याओं को निरूपित करने की वह प्रणाली है।
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| 23. | स्थानीय मान पर आधारित संख्या पद्धति में 2 या अधिक प्रतीक उपयोग में लाये जाते हैं।
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| 24. | अतः इस दृष्टि से उचित होगा कि आदिवासी क्षेत्रों मेंपाठ्यक्रम और शैक्षणिक सत्र स्थानीय मान पर निर्धारित हों.
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| 25. | ईसा पूर्व १००वें वर्ष में दशमलव पद्धति और स्थानीय मान की अवधारणा का विकास किया जा चुका था।
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| 26. | १ ४) दशमलव पद्धति एवं स्थानीय मान पद्धति १ ०० ईसा पुर्व भारत में विकसित हुई ।
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| 27. | एक अंक है जो संख्याओं के निरूपण के लिये प्रयुक्त आजकी सभी स्थानीय मान पद्धतियों का अपरिहार्य प्रतीक है।
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| 28. | स्थानीय मान पर आधारित संख्या आधुनिक संख्या निरूपण, फ्लोटिंग पॉइंट संख्याएँ (केरलीय गणित सम्प्रदाय देखें), संख्या सिद्धान्त, अनन्त (
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| 29. | स्थानीय मान पद्धति में दशमलव बिन्दु का प्रयोग करके भिन्नात्मक संख्याओं (fractions) को भी निरूपित करने की क्षमता रखती है।
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| 30. | भारतीय पंचांग में इसीलिए स्थानीय मान, कालमान, दिनमान निकालना, शुभ एवं अशुभ दोनों में जानना जरूरी होता है।
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