एक पृथक नीति-क्षेत्र केरूप में दिल्ली संघ राज्य-क्षेत्र को मध्यम और बड़े उद्योगों के स्थान-निर्धारण कोबढ़ावा न देने, थोक व्यापार और वाणिज्य के विकेन्द्रीयकरण, थोक व्यापार तथा जोखिमभरे थोक व्यापार को प्रोत्साहन द्वारा प्राथमिकता कम करके उनके संबंध में कोई लाभ नदेने और दिल्ली से बाहर अतिरिक्त स्थानों का विकास करके अपेक्षित व्यापक स्थान काविकेन्द्रीयकरण करने को एक नियमित विकास नीति का अनुसरण करना है.