लेकिन अगर समाज में कुछ अतिवादी तत्व हों, जो कि हर समाज में हमेशा होते हैं, तो कोई क्या करे? उनका मुक़ाबला करे या देश छोड़ दे? हम कोई बन्द स्थिर समाज नहीं है।
22.
मानव बलि को किसी स्थिर समाज में किये जाने वाले संस्कार के रूप में अथवा सामजिक बन्धनों के सुचालक के रूप में (देखें धर्म का समाजशास्त्र), बलिदान करने वाले समाजों को जोड़ने वाला बंधन स्थापित करने के लिए, तथा मानव बलि तथा प्राणदंड को जोड़ने वाले के रूप में, ऐसे व्यक्तियों को हटाते हुए, जिनका सामाजिक स्थावित्व पर गलत प्रभाव पड़ सकता है (अपराधी, धर्म विरोधी, विदेशी गुलाम तथा युद्ध बंदी).
23.
मानव बलि को किसी स्थिर समाज में किये जाने वाले संस्कार के रूप में अथवा सामजिक बन्धनों के सुचालक के रूप में (देखें धर्म का समाजशास्त्र), बलिदान करने वाले समाजों को जोड़ने वाला बंधन स्थापित करने के लिए, तथा मानव बलि तथा प्राणदंड को जोड़ने वाले के रूप में, ऐसे व्यक्तियों को हटाते हुए, जिनका सामाजिक स्थावित्व पर गलत प्रभाव पड़ सकता है (अपराधी, धर्म विरोधी, विदेशी गुलाम तथा युद्ध बंदी).