जब किसी कविता की समीक्षा की जाती है और एक कवयित्री के पक्ष में लेख लिखा जाता है तो उस स्वतंत्र रचना का शीर्षक हमेशा कविता से जुदा होता है.
22.
पर ऋग्वेद के एक मन्त्र में ऋग्वेद से भी पहले सामवेद का नाम आने से कुछ विद्वान वेदों को एक के बाद एक रचना न मानकर प्रत्येक का स्वतंत्र रचना मानते हैं।
23.
उनकी कविताओं में प्रकृति प्रमुख रूप से उनके रागात्मकता के आलम्बन के लिए ही आयी है किन्तु उस पर जहां कहीं भी स्वतंत्र रचना है, वहां वे उस पर रीझें हैं मगर इस रीझ में एक रहस्यमयता है।
24.
उनकी कविताओं में प्रकृति प्रमुख रूप से उनके रागात्मकता के आलम्बन के लिए ही आयी है किन्तु उस पर जहां कहीं भी स्वतंत्र रचना है, वहां वे उस पर रीझें हैं मगर इस रीझ में एक रहस्यमयता है।
25.
उनके प्रयत्नों से हिन्दी को यश विस्तार और उच्च पद मिला है किंतु इस बात पर कुछ आश्चर्य होता है कि ऐसी शिक्षा-दीक्षा पाकर और विरासत में हिन्दी तथा संस्कृत का ज्ञान प्राप्त करके मालवीय जी ने एक भी स्वतंत्र रचना नहीं की।
26.
उनके प्रयत्नों से हिन्दी को यश विस्तार और उच्च पद मिला है किंतु इस बात पर कुछ आश्चर्य होता है कि ऐसी शिक्षा-दीक्षा पाकर और विरासत में हिन्दी तथा संस्कृत का ज्ञान प्राप्त करके मालवीय जी ने एक भी स्वतंत्र रचना नहीं की।
27.
उनके प्रयत्नों से हिन्दी को यश विस्तार और उच्च पद मिला है किंतु इस बात पर कुछ आश्चर्य होता है कि ऐसी शिक्षा-दीक्षा पाकर और विरासत में हिन्दी तथा संस्कृत का ज्ञान प्राप्त करके मालवीय जी ने एक भी स्वतंत्र रचना नहीं की।
28.
रचना शुरू होने से पहले शब्द ‘ एक ' लिखा हुआ है जो यह संकेत करता प्रतीत होता है कि यह कोई स्वतंत्र रचना नहीं ; बल्कि थपलियाल जी द्वारा मंटो को केन्द्र में रखकर लिखी गई अनेक रचनाओं में से एक (यहाँ पहली) लघुकथा है।
29.
इन्द्रप्रस्थ भारती पत्रिका में प्रकाशन के लिए देश भर के रचनाकारों की स्वतंत्र रचना में प्रस्तुत की जाने वाली सामग्री (लेख, कविता, कहानी, व्यंग् य, रेखाचित्र, संस्मरण, रिपोर्ताज आदि) जिससे हिन्दी भाषा और साहित्य के विविध प्रस्थान-बिंदु उजागर हो सकें स्वीकार की जाती हैं।