उस सत्तामें निर्दोषता, निष्कामता और असंगता स्वतःसिद्ध है और वह सत्ता भगवान् का अंश है ।
22.
उस चिन्मय सत्ताको ही ‘ ब्रह्म ' कहते है और उसमें स्वतःसिद्ध स्थितिको मुक्ति कहते हैं ।
23.
वरवर राव का पत्र क्रांतिकारी ब्रह्मांड को स्वतःसिद्ध और वैध मानने की प्रवृत्ति का बढ़िया उदाहरण है.
24.
अस्वाभाविक असत् (दुर्गुण-दुराचार) का त्याग कर दें, तो सत् (सद्गुण-सदाचार) स्वतःसिद्ध हैं ।
25.
कितना आनन्द आता है स्वाभाविक ही! गीता बतलाती है कि व्यवहार ठीक तरहसे करो तो परमार्थ तो स्वतःसिद्ध है ।
26.
अतः न बदलनेवाले हम परमात्माके साथ एक है और बदलनेवाला शरीर संसारके साथ एक है-यह विवेक मनुष्यमात्रमें स्वतःसिद्ध है ।
27.
जीवमें जो एक स्वतःसिद्ध आकर्षण है, वह भगवान् की तरफ होनेसे ‘ प्रेम ' और संसारकी तरफ होनेसे ‘ राग ' हो जाता है ।
28.
पहले वाले के साथ हमें स्वतःसिद्ध और निगमनात्मक तरीके से व्यवहार करना चाहिए ('सैद्धान्तिक' समाजशास्त्र), जबकि दूसरे से प्रयोगसिद्ध और एक आगमनात्मक तरीके से ('व्यावहारिक' समाजशास्त्र).
29.
मिटनेवालेको आप पकड़ नहीं सकोगे, चाहे युग-युगान्तरोंतक मेहनत कर लो! अपनी स्वतःसिद्ध सत्तामें स्थित हो जाओ तो गुणातीतके सब लक्षण आपमें आ जायँगे ।
30.
इस प्रकार अपनेको निर्लेप अनुभव करके चुप हो जायँ अर्थात् चुप होकर स्थित रहें तो स्वतःसिद्ध सत्ता (सत्-तत्त्व) का स्पष्ट अनुभव हो जायगा ।