वा. ४ ८ / २. ६ १ गृहिणी को ‘ गृह-लक्ष्मी ' के सम्मानजनक विशेषण से सम्बोधित किया गया है, जिसका अर्थ है-वह नैतिक दृष्टि से सुदृढ़ और स्वभाव की दृष्टि से देवी है।
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शोधकर्ताओं के नोट में स्वभाव की दृष्टि से असंकोची (Noninhibited) किशोरों की तुलना में संकोची (inhibited) किशोरों में अनिश्चितता (संभाव्य परिणाम) के संदर्भ में “'जिम्मेदारी' का एह्सास या आत्म एजेंसी एपेटेटिव्(अप्पेतितिवे) प्रेरणा (अर्थात् नाभिकीय accumbens) में अंतर्निहित तंत्रिका प्रणाली को अधिक जोरदार रूप चलाते हैं.”
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मनुष्य के स्वभाव की दृष्टि से देखें तो क्या आक्रामकता भी उसका वैसा ही अंश नहीं, जैसा कि करुणा? असली समस्या क्या शक्ति की नहीं? क्या हिंसा शक्ति की ही एक अभिव्यक्ति नहीं? और क्या शक्ति की साधना मनुष्य का स्वभाव नहीं?
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3. युग निर्माण योजना (विचार क्रान्ति अभियान) के तीन कार्यक्रम हैं-* व्यक्ति निर्माण:-युग निर्माण का अर्थ है व्यक्ति निर्माण और व्यक्ति निर्माण का अर्थ है-गुण, कर्म, स्वभाव की दृष्टि से मानवीय विशेषताओं से परिपूर्ण व्यक्तित्व का विकास।
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वे हर एक से लड़ने झगड़ने पर तैयार रहते हैं और दूसरे लोगों की तुलना में समाज में होने वाले ऊतार चढ़ाव और परिवर्तनों को सहन शक्ति बहुत ही कम होती है किन्तु जो लोग अपनी आवश्यकता के अनुसार खाना खाते हैं और जिनका पाचन तंत्र अच्छा होता है उनकी सहन शक्ति बहुत अच्छी होती है और वह स्वभाव की दृष्टि से अच्छे होते हैं और हंस कर दूसरों से मिलते हैं और स्वस्थ रहते हैं और उनकी त्वचा भी साफ़ व स्वच्छ होती है।