ये दीवारें ऐसी होंगी कि साम्यावस्था में इनके द्वारा अलग किए गए द्रवों की दाब तथा आयतन के मान स्वेच्छ नहीं होंगे, अर्थात् यदि एक द्रव की दाब एवं आयतन और दूसरे द्रव की दाब निश्चित कर दी जाए तो दूसरे द्रव का आयतन भी निश्चित हो जाएगा।
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यदि अकरण प्रतिदर्श स्वेच्छ अकरण आंकड़ों को सम्मिलित करने के लिए पक्षपातपूर्ण हैं और “रेटिंग के कारक भी प्रत्याशित अकरण के वास्तविक स्तर की तुलना में पक्षपात के कारण निम्न हैं, ऐसे में मूडीज [का तरीका] अपने अकरण वितरण प्रक्रिया में औसत अकरण के उचित स्तर को उत्पन्न नहीं करेगा.
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किन्तु क्या कृषक जन जब प्रयाण पर जाते होगे तब वे अपनी पत्नियो को नहीं ले जाते होगे? दूसरा प्रश्न यह है कि क्या आखेटको ने बिना युद्ध किये अपनी महिलाओं को स्वतंत्रता दे दी थी कि वे स्वेच्छ से कृषको के पास जाएं? यदि युद्ध हुआ होगा तब वैसे तो आखेटको को जीतना चाहिये था।
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“ दूसरा प्रश्न यह है कि क्या आखेटको ने बिना युद्ध किये अपनी महिलाओं को स्वतंत्रता दे दी थी कि वे स्वेच्छ से कृषको के पास जाएं? ” किसी स्तर पर शायद महिलाओं के लिये संघर्ष हुआ हो, लेकिन अधिकांश मामलों मे शिकारी पुरूष नये स्थान पर बढ जाते और वापस लौटने की बजाये वे घुमन्तू जीवन यापन करते।