अभियोजन पक्ष को प्रथमतः अभियुक्तगण के विरूद्ध लगाये गये अभियोग, कि दिनांक 16.7.2001 को समय लगभग 20 बजे रात वादी मुकदमा शिवनरेश सिंह को अभियुक्तगण ने स्वेच्छा पूर्वक मारापीटा तथा गाली गुप्ता देकर अपमानित किया, के तथ्य सं0 अंकित किया गया।
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दिनांक 27. 7.2000 को समय लगभग 11.30 बजे रात वादी मुकदमा महेश प्रताप की पत्नी बेलाकली को अभियुक्तगण ने स्वेच्छा पूर्वक मारापीटा तथा गाली गुप्ता देकर अपमानित किया तथा अनधिकृत रूप से गृह अतिचार किया, के तथ्य को युक्ति-युक्त संदेह परे सत्य साबित करना है।
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पिछले दिनों भारत के न्यायालयों ने जो निर्णय दिए हैं उस से एक बात स्पष्ट हो गई है कि हमारा कानून दो वयस्कों के बीच स्वेच्छा पूर्वक बनाए गए सहवासी रिश्ते को मान्यता नहीं देता, लेकिन उसे अपराधिक भी नहीं मानता, चाहे ये दो वयस्क पुरुष-पुरुष हों, स्त्री-स्त्री हों या फिर स्त्री-पुरुष हों।
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पि छले दिनों भारत के न्यायालयों ने जो निर्णय दिए हैं उस से एक बात स्पष्ट हो गई है कि हमारा कानून दो वयस्कों के बीच स्वेच्छा पूर्वक बनाए गए सहवासी रिश्ते को मान्यता नहीं देता, लेकिन उसे अपराधिक भी नहीं मानता, चाहे ये दो वयस्क पुरुष-पुरुष हों, स्त्री-स्त्री हों या फिर स्त्री-पुरुष हों।
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पि छले दिनों भारत के न्यायालयों ने जो निर्णय दिए हैं उस से एक बात स्पष्ट हो गई है कि हमारा कानून दो वयस्कों के बीच स्वेच्छा पूर्वक बनाए गए सहवासी रिश्ते को मान्यता नहीं देता, लेकिन उसे अपराधिक भी नहीं मानता, चाहे ये दो वयस्क पुरुष-पुरुष हों, स्त्री-स्त्री हों या फिर स्त्री-पुरुष हों।
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संक्षेप में अभियोजन का कथन इस प्रकार है कि दिनांक 13. 1.90 को समय करीब 3 बजे बहद स्थान शुकरू का प्लाट म्योराबाद अन्तर्गत थाना कैण्ट़, इलाहाबाद में अभियुक्तगण बेनी प्रसाद, राजू, साजू एवं श्रीमती चन्दा देवी ने वादी मुकदमा ओम त्रिपाठी को स्वेच्छा पूर्वक लात घूसा से मारापीटा, गाली गुप्ता देकर अपमानित किया तथा जाने स मारने की धमकी दी।
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संक्षेप में अभियोजन का कथन इस प्रकार है कि दिनांक 27. 9.01 को समय करीब 1.35 बजे रात बहद स्थान म0 नं0 60 मऊ सरैया अशोक नगर के बगल में थाना कैण्ट़, इलाहाबाद में अभियुक्तगण अमृत पाल, कुल्लू, सुशील एवं राजेश ने वादी मुकदमा भीम पाल को स्वेच्छा पूर्वक लाठी डन्डे से मारापीटा, गाली गुप्ता देकर अपमानित किया तथा जान से मारने की धमकी दी।
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अभियोजन पक्ष को प्रथमतः अभियुक्तगण के विरूद्ध लगाये गये अभियोग, कि दिनांक 16.7.2001 को समय लगभग 20.30 बजे रात अभियुक्तगण घातक हथियार से लैश होकर बल्वा करने की नियत से इकट्ठा हुए तथा वादी मुकदमा के पिता, भाई, माता को लाठी डन्डे से स्वेच्छा पूर्वक मारापीटा तथा गाली गुप्ता देकर अपमानित किया तथा जान से मारने की धमकी दिये तथा गोमती को तोडकर नुकसान किया, के तथ्य को युक्ति-युक्त संदेह परे सत्य साबित करना है।
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छत्तीसगढ़ शासन / वरिष्ठ अधिकारियो के निर्देशानुसार आरा मशीनों की जाँच संबंधित वन मंडलाधिकारियों व्दारा तैयार किये गये रोस्टर के, वन संरक्षक के अनुमोदन उपरांत विभागीय अमले व्दारा जाँच का प्रावधान है, लेकिन वचन संरक्षक रायपुर व्दारा उक्त रोस्टर के अनुसार आरा मशीनों की जाँच सुनिश्चित करने के बजाए वृत्त स्तरीय उड़नदस्ता वन क्षेत्रपाल श्री आर. के. पंडित के वद्र प्रचलित रोस्टर में दर्शाई गई बारम्बारता को दरकिनार करते हुए स्वेच्छा पूर्वक आरा मशीनों का ० १ बार से तक भौतिक सत्यापन कराया जाता है, जो नियमानुकूल नहीं है ।