देखा जो मूड के उसी को अपने साथ लगे पाया खुशी हुई देख के वह मेरे था पीछे आया पकड़ के उस ने एक मुमा सगोशी की क्या ले लूं में चुटकी अच्छी सी सुन के हम मुसकरा दिए कुछ कह ना सके उस ने जो दिया हाथ में तो रह गई हकी बकी
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चूँकि बीते जमाने की गतयौवना-इस सुपरस्टार के महीन मर्जों की दवा सभी दुकानों में मौजूद न थी और कुछ कलाकार किस्म के पारखियों का हुनर ही इसकी नब्ज पकड़ सकता था और चूँकि इलाके में बस एक ही था नाजुक नखरों का सर्वमान्य हकी म... ; इसलिए यही सूत्र बन गया पंडित के इस जजमानी में दाखिले का।