समाज और सरकार में ऊंचे आसनों पर बैठे लोग जान लें कि अगर वे एक संतुलित समाज की रचना में हार्दिक रूप से निचले तबके के नागरिकों से हाथ नहीं मिलायेंगे तो चाहे उन्हें लाल किले के सामने गोली न भी मारी जाए, सिपाही और नक्सलवादी एकजुट होकर उन्हें गोली से उड़ा देंगे.