यह बात अक्सर सुनने में आती है कि हमारे देश में अमीर और भी अमीर होता जा रहा है और गरीब और भी गरीब| लेकिन इससे भी बड़ी बात यह है कि अब हमारे भगवान् लोगों से भी ज्यादा अमीर होते जा रहे हैं| हाल ही में इंडिया टुडे पत्रिका के हिंदी अंक में प्रकाश
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रोटी, कपडा, मकान, शिक्षा जैसी बुनियादी सरोकारों की बात तो अन्य छुटभैय्ये पत्रकार और संपादक करते ही रहते हैं, लेकिन मेरे हिसाब से स्तन सौंदर्य के लिए की जाने वाली शल्य क्रिया की सम-सामयिक जानकारी इंडिया टुडे के हिंदी अंक में आवरण कथा के रूप में छापकर दिलीप जी ने दलित, पिछड़ी और आदिवासियों में आधुनिक सौंदर्य चेतना जागृत करने का क्रांतिकारी काम किया है.