यदि उत्तर प्रदेश का निवासी, जिसने मात्र प्रौढ़ शिक्षा की कक्षाओं में हस्ताक्षर करना भर सीख लिया है उपर्युक्त प्रारूप / प्ररूप में “ उत्तर प्रदेश् का हिंदी भाषी निवासी ” होने के आधार पर घोषणा करे कि उसने हिंदी का कार्यसाधक ज्ञान प्राप्त कर लिया है तो क्या इससे देश, समाज अथवा राजभाषा नीति का संवैधानिक दायित्व पूरा हो पाएगा? उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में भी अनेक बच्चे दसवीं / मैट्रिक की परीक्षा में हिंदी में फेल होते हैं।