इस सिद्धान्त को मानने वाला व्यक्ति अपनी इज्जत, धर्म और आत्मा की रक्षा के लिए एक अन्यायपूर्ण साम्राज्य सहित समस्त शक्तियों को भी चुनौती दे सकता है और अपने पराक्रम द्वारा उसके पतन के बीज भी बो सकता है।'' बताते हैं कि जब इटली के तानाशाह मुसोलिनी के आग्रह पर गाँधी जी उससे मिलने गये, तो कईयों ने उन्हें समझाया कि एक अहिंसक व्यक्ति का हिंसक व्यक्ति से मिलना उचित नहीं।
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एक हिंसक व्यक्ति अपनी बात मनवाने के लिए किसी इंसानी ढाल का चयन खुद करे और फिर कहे कि यह पुलिस की गलती जो उस इंसानी ढाल को मार दिया जबकि ढाल के मरने का पूरा दोष उस हिंसक व्यक्ति का ही हुआ क्योंकि उसने अपनी गलत मांग के लिए एक इंसान को चुना जो उसकी गलत मांग का प्रतिनिधि नहीं है वह केवल चुनी गई / पकड़ ली गई ढाल है और हिंसक व्यक्ति की मांग चाहे जायज हो या नाजायज ढाल की जिम्मेदारी नहीं है:)...
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एक हिंसक व्यक्ति अपनी बात मनवाने के लिए किसी इंसानी ढाल का चयन खुद करे और फिर कहे कि यह पुलिस की गलती जो उस इंसानी ढाल को मार दिया जबकि ढाल के मरने का पूरा दोष उस हिंसक व्यक्ति का ही हुआ क्योंकि उसने अपनी गलत मांग के लिए एक इंसान को चुना जो उसकी गलत मांग का प्रतिनिधि नहीं है वह केवल चुनी गई / पकड़ ली गई ढाल है और हिंसक व्यक्ति की मांग चाहे जायज हो या नाजायज ढाल की जिम्मेदारी नहीं है:)...
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एक हिंसक व्यक्ति अपनी बात मनवाने के लिए किसी इंसानी ढाल का चयन खुद करे और फिर कहे कि यह पुलिस की गलती जो उस इंसानी ढाल को मार दिया जबकि ढाल के मरने का पूरा दोष उस हिंसक व्यक्ति का ही हुआ क्योंकि उसने अपनी गलत मांग के लिए एक इंसान को चुना जो उसकी गलत मांग का प्रतिनिधि नहीं है वह केवल चुनी गई / पकड़ ली गई ढाल है और हिंसक व्यक्ति की मांग चाहे जायज हो या नाजायज ढाल की जिम्मेदारी नहीं है:)...
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एक हिंसक व्यक्ति अपनी बात मनवाने के लिए किसी इंसानी ढाल का चयन खुद करे और फिर कहे कि यह पुलिस की गलती जो उस इंसानी ढाल को मार दिया जबकि ढाल के मरने का पूरा दोष उस हिंसक व्यक्ति का ही हुआ क्योंकि उसने अपनी गलत मांग के लिए एक इंसान को चुना जो उसकी गलत मांग का प्रतिनिधि नहीं है वह केवल चुनी गई / पकड़ ली गई ढाल है और हिंसक व्यक्ति की मांग चाहे जायज हो या नाजायज ढाल की जिम्मेदारी नहीं है:)...
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एक हिंसक व्यक्ति अपनी बात मनवाने के लिए किसी इंसानी ढाल का चयन खुद करे और फिर कहे कि यह पुलिस की गलती जो उस इंसानी ढाल को मार दिया जबकि ढाल के मरने का पूरा दोष उस हिंसक व्यक्ति का ही हुआ क्योंकि उसने अपनी गलत मांग के लिए एक इंसान को चुना जो उसकी गलत मांग का प्रतिनिधि नहीं है वह केवल चुनी गई / पकड़ ली गई ढाल है और हिंसक व्यक्ति की मांग चाहे जायज हो या नाजायज ढाल की जिम्मेदारी नहीं है:)...
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