हैजा रोग में बच्चे का शरीर नीला पड़ जाना, हिचकी आना, हाथों में कंपकंपी होना, अधिक सुस्ती रहना तथा सिर में खून की कमी होना, सिर हिलना, शरीर में खिंचाव व अकड़न महसूस होना, ठण्ड लगना आदि लक्षण हो तो बच्चे को कैलि-ब्रोमेटम औषधि की 3 x का चूर्ण देनी चाहिए।
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हैजा रोग में बच्चे का शरीर नीला पड़ जाना, हिचकी आना, हाथों में कंपकंपी होना, अधिक सुस्ती रहना तथा सिर में खून की कमी होना, सिर हिलना, शरीर में खिंचाव व अकड़न महसूस होना, ठण्ड लगना आदि लक्षण हो तो बच्चे को कैलि-ब्रोमेटम औषधि की 3 x का चूर्ण देनी चाहिए।
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हैजे की इस अवस्था में शरीर के कई अंगों में खून का संचार होता है और जो अंग सबसे कमजोर होते हैं वे अंग रोग ग्रस्त अधिक होते हैं और कई प्रकार के लक्षण प्रकट हो जाते हैं-रोग का आक्रमण दुबारा से होना, बुखार रहना, पेशाब न होना, उल्टी आना या मिचली होना, हिचकी आना, तंद्रा होना, पेट फूलना, फोड़ा होना, पतले दस्त आना, कर्णमूल में जलन होना तथा फेफड़े में जलन होना आदि।