यह भी प्रतीत होता है कि जो लोग सबसे गंभीर किस्म के अंगघात का अनुभव करते हैं और जिनके क्रिया-कलापों में सबसे ज्यादा सुधार आया होता है वे अब उन लोगों के मुकाबले ज्यादा परेशानी अनुभव करते हैं मूलत: जिनके अंगघात कम गंभीर रहे होते हैं।
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यह भी प्रतीत होता है कि जो लोग सबसे गंभीर किस्म के अंगघात का अनुभव करते हैं और जिनके क्रिया-कलापों में सबसे ज्यादा सुधार आया होता है वे अब उन लोगों के मुकाबले ज्यादा परेशानी अनुभव करते हैं मूलत: जिनके अंगघात कम गंभीर रहे होते हैं।
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प्रमस्तिष्क पक्षाघात-मस्तिष्क के प्रमुख भाग प्रमस्तिष्क (सेरिब्रम) जो शरीर के मांसपेशियों पर नियंत्रण रखने का कार्य भी करता है, उसमें किसी भी प्रकार की आई विकृति से बच्चे के शरीर में जकड़ता आ जाती है जिसे प्रमस्तिष्क अंगघात कहा जाता है ।
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जिला में समाज कल्याण विभाग व राष्ट्रीय न्याय के संयुक्त तत्वावधान में स्वपरायणता, प्रमस्तिष्क अंगघात, मंदबुद्धिता तथा बहुनि: शक्तता से प्रभावित विशेष बच्चों की जांच कर प्रमाण पत्र जारी करने के लिए आगामी 22 मार्च को डबवाली के सिविल अस्पताल में शिविर का आयोजन किया जाएगा।
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अधिनियम, १९९५ की धारा ३३ में निजी क्षेत्र के उपक्रमों सहित सरकार के प्रतिष्ठानों में अभिनिर्धारित पदों (दृष्टिहीन अथवा न्यून दृष्टि वाले व्यक्तियों, श्रवण बाधिता और चलने फिरने की निःशक्तता अथवा प्रमस्तिष्क अंगघात से पीडित व्यक्तियों के लिए प्रत्येक वर्ग के लिए एक प्रतिशत) की रिक्तियों में तीन प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है।
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उन्होंने स्वपरायणता (ओटिजियम) प्रमस्तिष्ट अंगघात (सरेबल पाल्सी), मंदबुद्धिता (मैंटल रिटार्डेशन) तथा बहुनि: शक्तता (मैल्टी डिसेबिलिटीस) से प्रभावित बच्चों के माता-पिता और अभिभावकों से अपील की है कि वे अपने बच्चों को इस विशेष शिविर में जरुर लेकर आए और सरकारी योजनाओं के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए प्रयोग किए जाने वाले प्रमाण पत्र अवश्य बनवाए।
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इस दिशा में भारत सरकार के अधीन सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्रालय में पारित 99 एक्ट के तहत ‘ राष्ट्रीय न्यास ‘ समिति गठित की गई है जो मुख्यत: मानसिक मंदता (मेंटल रिटार्डेशन), प्रमस्तिष्क अंगघात (सेरेबल पालसी), स्वपरायणता यानि आटिज्म एवं बहुनि: शक्तता इन चार प्रकार की समस्याओं से ग्रसित व्यक्तियों के अधिकार, सुरक्षा एवं पुनर्वास संबंधी मामलों के क्रियान्वयन का परिपालन करती है साथ ही नि: शक्तजनों के लिए बाधारहित वातावरण सुनिश्चित करने के कदम भी उठा रही हैं ।