विभिन्न वर्ग विवाह की दृष्टि से अंतर्विवाही समूह थे और दो वर्गो के व्यक्तियों में विवाह के लिये शासन से विशेष आज्ञा लेने का आवश्यकता होती थी।
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विभिन्न वर्ग विवाह की दृष्टि से अंतर्विवाही समूह थे और दो वर्गो के व्यक्तियों में विवाह के लिये शासन से विशेष आज्ञा लेने का आवश्यकता होती थी।
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वास्तव में बहुधा एक जाति में भी अनेक अंतर्विवाही समूह होते हैं जो एक प्रकार से स्वयं जातियाँ हैं और जिनकी पृथक् जातीय पंचायतें, अनुशासन और प्रथाएँ हैं।
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↑ 53. 0 53.1 53.2 53.3 53.4 सगोत्र विवाह और गांव/गोत्र स्तरीय एक्सोगामी: सैनी अंतर्विवाही समुदाय है और गांव और गोत्र स्तर पर एक्सोगामी का पालन करते हैं.”
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जाति व्यवस्था नामक सामाजिक वर्गीकरण के एक रूप के सदियों से चले आ रहे अभ्यास के परिणामस्वरूप भारत अनेक अंतर्विवाही समूहों, या जातियों और उपजातियों में विभाजित है.
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वास्तव में बहुधा एक जाति में भी अनेक अंतर्विवाही समूह होते हैं जो एक प्रकार से स्वयं जातियाँ हैं और जिनकी पृथक् जातीय पंचायतें, अनुशासन और प्रथाएँ हैं।
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वास्तव में बहुधा एक जाति में भी अनेक अंतर्विवाही समूह होते हैं जो एक प्रकार से स्वयं जातियाँ हैं और जिनकी पृथक् जातीय पंचायतें, अनुशासन और प्रथाएँ हैं।
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जाति व्यवस्था नामक सामाजिक वर्गीकरण के एक रूप के सदियों से चले आ रहे अभ्यास के परिणामस्वरूप भारत अनेक अंतर्विवाही समूहों, या जातियों और उपजातियों में विभाजित है.
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डा. जी. एस. घुरिए की प्रस्थापना है कि प्रत्येक भाषाक्षेत्र में लगभग दो सौ जातियाँ होती हैं, जिन्हें यदि अंतर्विवाही समूहों में विभक्त किया जाए तो यह संख्या लगभग 3,000 हो जाती है।
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डा. जी. एस. घुरिए की प्रस्थापना है कि प्रत्येक भाषाक्षेत्र में लगभग दो सौ जातियाँ होती हैं, जिन्हें यदि अंतर्विवाही समूहों में विभक्त किया जाए तो यह संख्या लगभग 3,000 हो जाती है।