मुझे तुलसीदास याद आ गये! उन्होंने जीवमात्र में ईश्वर का अंश देखा था-‘ ईस्वर अंस जीब अबिनासी ' ।
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स्कंध, अंस, अंश, मोढ़ा, मुड्ढा ; शरीर का वह भाग जो गले और बाज़ू के बीच में होता है ;
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घुटने, टखने, अंस मोड़कर, खूब बनी फुफकार कुंडली, मानुष के छल-बल गुण से, शेषनाग भी है भयभीत।
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दावा द्रुमदंड पर चीता म्रुग झुंड पर वृषण वीतुंड पर जैसे मृगराज है!!!...तेज तम अंस पर कंढ जिमी कंस पर त्योमलीचबंस पर सेर सीवराज हैं!!!..
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अंस भव परम कृपाला॥4॥ भावार्थ:-सुकवि-कुकवि, सभी नर-नारी अपनी-अपनी बुद्धि के अनुसार राजा की सराहना करते हैं और साधु, बुद्धिमान, सुशील, ईश्वर के अंश से उत्प
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25 मई सन् 1857 को अंस अम्बाला से देहली की ओर जा रहा था परन्तु विसूचिका (हैजा) से मार्ग में ही हत्यारे को जीवन से हाथ धोने पड़े ।
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प्रचलन के लिए अंस तथा श्रोणि पख (पेक्टोरल ऐंड पेल्विक फ़िन्स, Pectoral and pelvic fins) और अयुग्म पृष्ठीय (dorsal), औदरिक तथा पुच्छ पंख होते हैं।
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शायद इस इंतजार में कि एक धमाका इस अवस्था से विचारो को मुक्ति दिलाएं और ये विचार पुन: अपनी महत्ता का आभास किसी मंत्री या वक्ता के भाषण का अंस बन सकें।