| 31. | आसान मुझ गरीब की मुश्किल अजल
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| 32. | अपनी किस्मत में अजल से ही सितम रखा था ।
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| 33. | कज्ज़ाक अजल का लूटे है दिन रात, बजा कर नक्कारा
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| 34. | अजल से वो डरें जीने को जो अच्छा समझते हैं।
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| 35. | अपनी किस्मत में अजल से ही सितम रखा था ।
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| 36. | अपनी किस्मत में अजल से ही सितम रखा था ।
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| 37. | सब पत्ता तोड़ के भागेंगे, मुँह देख अजल के भालों के
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| 38. | तुम गठरी बांधो कपड़े की, और देख अजल सर धुनती है।
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| 39. | इस राह में मुकाम बेमहल है पोशीदा करार में अजल है
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| 40. | सदस्य कार्यकारिणी ग़ज़ल “बह रही गंगा अजल से पापियों के वास्ते”
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