जो अतिचारी के अधीन कभी नहीं हुई, जो सदा शिवत्व हेतु तपी, और प्राप्त कर के रही! जगत का नारीत्व संन्नद्ध हो रहा है अपनी शक्तियाँ संयोजित कर, तुम्हारे साथ आने को! * स्वागत है तुम्हारा उज्ज्वल भविष्य की वैतालिका, सफलता तुम्हारा प्राप्य है!
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अन्जान बीमारी का साथ मे बने रहना और शरीर से पनपने की बजाय कुछ भी खाने पीने का मन नही करना जब भी मन चलना तो तामसी भोजन की तरफ़ मन चलना, पत्नी का अतिचारी हो जाना कुकृत्य मे मन को लगाये रखना, किरायेदारो मे केवल पुरुषों को रखना और उनसे अपनी इच्छानुसार कार्य करवाना।
33.
किसी भी ग्रह की सुर्य से दूरी बढ्ने पर उस ग्रह की गति में परिवर्तन होता है, ग्रह अस्त (Planetary Combustion) से उदित (Rising of planet) फिर अतिचारी (Speedy Planet) फिर शीघ्रगामी (Fast planet), फिर सामान्य गति फिर मन्दगति तथा फिर वक्री (Retrograde Planet) हो जाता है.
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शनिदेव यूं तो गणितीय तौर पर एक राशि पर सामान् यत: ढाई साल तक विद्यमान रह कर गोचर करते हैं, किन् तु व् यावहारिक रूप से ऐसा कम ही होता है, शनिदेव अपनी वक्री व अतिचारी चाल से चलते कई बार वर्तमान राशि से पीछे की राशि तक चले जाते हैं परिणाम स् वरूप कभी कभी एक ही राशि पर तीन से साढे तीन चार साल तक टिके रहते हैं ।
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ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानंद शास्त्री के अनुसार जुलाई के प्रथम सप्ताह तक अन्तरिक्ष में गुरु अतिचारी तो शनि वक्री गमन करेगा, तब तो अंतर्राष्ट्रीय जगत में तहलका मचवायेगा-ष्ष्ष्अतिचारी गते जीवे वक्री भूते शनैश्वरे ।हा! हा! भूतं जगत्सर्वं रुण्डमाला महीतले ष्ष्ष्ष् अमेरिका आदि देश तथा खाड़ी के देश त्रस्त रहेंगें ।युद्धोत्पाति भयान्तक से हा हाकार मचेगा ।किन्हीं देशों में रक्त की धारा वहेगी ।प्रजाजन दुखी होंगें ।शांति के सभी प्रयास निष्फल होंगें ।--जून-जुलाई 15 तक भयानक गर्मी पड़ेगी ।