हम यदि प्रकृति के साथ नहीं बदलते हैं तब हमारी अतिजीविता कम हो सकती है, यदि नवाचार नहीं करते हैं तब हमारा शवाचार ही होगा।
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मानव अपनी प्रकृति से, अन्य जानवरों की तुलना में, जन्मजात निर्विशेषता के लिये प्रसिद्ध है और यही हम सभी की अतिजीविता के मूलाधार हैं।
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और भी ऐसे बहुत से जीव हैं जिनमें नरों में भी इस तरह की प्रतियोगिता नहीं होती-जंगली कुत्ते अपनी अतिजीविता अपने समूह की शक्ति द्वारा करते हैं,
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जीव की अतिजीविता (survival) के लिए वातावरण के परिवर्तनों को प्रभावहीन करना आवश्यक है, जिससे सामान्य वातावरण चाहे जैसा हो, आंतर वातावरण जीने योग्य सीमाओं में रहे।
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कि यदि एक मां 60 वर्ष की उम्र तक प्रजनन करती और 80 वर्ष की उम्र तक जीवित रहती अर्थात केवल अपनी संतान की ही देखभाल करती रहती तब उसके जीन्स की अतिजीविता उतनी नहीं बढ़ती जितनी कि अभी बढ़ रही है।
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डिस्कवरी चैनल की अतिजीविता श्रृंखला आई शुडनाॅट बी अलाइव के इस नए सीजन में साधारण लोगों की ऐसी अविश्वसनीय दास्तानें प्रस्तुत की जा रही हैं जो अंजाने में बेहद गंभीर स्थितियों में फंस गए, पर उन्होंने जिंदा रहने के लिए अकल्पनीय बाधाओं को भी मात दी।
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जीरियैट्रिशन विलियम थामस लिखते है, ‘ आफ्रिका के गाम्बिया की जनजातियों के अध्ययन में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के नृशास्त्रियों ने देखा कि नानी की मदद वाले प्रजननों में शिशुओ की अतिजीतिवता (जीवित रहना) नानी की मदद न मिलने वालों की अतिजीविता की अपेक्षा 50 % अधिक थी ' ।
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इस कार्यक्रम के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए श्री राजीव बख् ' ाी, वाइस प्रैज़िडैंट-मार्केटिंग, दक्षिण-एि'ाया, डिस्कवरी नैटवक्र्स एि'ाया-पैसिफिक ने कहा, `डिस्कवरी चैनल की अतिजीविता श्रृंखला आई शुडनोट बी अलाइव ऐसे लोगों की सबसे असाधरण सच्ची कहानियां प्रस्तुत करती है जिन्होंने जानलेवा स्थितियों का सामना किया और इन्हें बयान करने के लिए जिंदा भी बच गए।
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इस कार्यक्रम के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए श्री राजीव बख्शी, वाइस प्रैजि़डैंट-मार्केटिंग, दक्षिण-एशिया, डिस्कवरी नैटवक्र्स एशिया-पैसिफिक ने कहा, ‘ डिस्कवरी चैनल की अतिजीविता श्रृंखला आई शुडनाॅट बी अलाइव ऐसे लोगों की सबसे असाधरण सच्ची कहानियां प्रस्तुत करती है जिन्होंने जानलेवा स्थितियों का सामना किया और इन्हें बयान करने के लिए जिंदा भी बच गए।
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अगर आपके सामने अचानक ऐसी आ ' ांका पैदा हो जाए कि आपकी जान जा सकती है, तो आप क्या करेंगे | क्या आपमें इतनी मानसिक और शारीरिक शक्ति होगी कि आप जिंदा रहने के लिए संघर्ष कर सकें | डिस्कवरी चैनल की अतिजीविता श्रृंखला आई शुडनोट बी अलाइव के इस नए सीजन में साधारण लोगों की ऐसी अवि'वसनीय दास्तानें प्रस्तुत की जा रही हैं जो अंजाने में बेहद गंभीर स्थितियों में फंस गए, पर उन्होंने जिंदा रहने के लिए अकल्पनीय बाधाओं को भी मात दी।