एक क्षण को उसे लगा कि यह उसकी अति भावुकता है, जो वह इस बेमतलब की कश्मकश में फंस गया है, क्योंकि जो होना है वही होता है जैसे कि वह पहले विश्वास करता था ।
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तुम्हारी ही तरह मैंने भी बहुत कुछ महसूस किया था और बेध्यानी में या शायद अति भावुकता में सब कुछ मोबाइल के कैमरे में सहेजता चला गया वो भी जिसके लिए लिखा था कि फ़ोटो खींचना मना है ।
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अति भावुकता का यह रोग विश्व स्तर पर अपनी जड़े जमा रहा है, हालांकि चिकित्सक वर्ग इस मस्तिष्कीय रोग पर परीक्षण कर उस पर काबू पाने के रास्ते तलाश रहा है, मगर इस पर काबू पाने के लिए जरूरत है इच्छाशक्ति की।
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मातृत्व के वर्णन में कई बार उनकी अति भावुकता की झलक हम देख सकते हैं उसकी वजह शायद ये हो सकती है कि प्रेमचंद ने बचपन में ही अपनी माँ को खो दिया था और माँ के प्यार की कसक ताउम्र उन्हें सालती रही।
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कर्क राशि यदि स्त्री की हो तो जीवन में चन्द्र की शुभता के कारण धन धान्य की बहुलता बनी रहती है मगर पुरुष होने पर अति भावुकता और डर के चलते सहसा रिस्क नहीं ले पाते और धन के मामले में हमेशा संघर्ष ही करते देखे जाते हैं।
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इनके प्यार में भी अति भावुकता और अतिरेक का समावेश होता है और यदि कुंडली में लग्न भी कर्क हो या चन्द्र के प्रभाव में हो तो साथी से बेहद अपेक्षा के चलते और सारी अपेक्षाओं के पूरा न होने की स्थिति में ये स्वयं के लिए परेशानियाँ खड़ी कर लेते हैं।
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जीवन में इतनी भावुकता न आ जाय कि हम समझदारी से ही परे हो जायें! जीवन में भावुकता भले रहे, प्रेम रहे, भक्ति रहे परंतु अति भावुकता, अति पक्षपात भले रहे, प्रेम रहे, भक्ति रहे परंतु अति भावुकता, अति पक्षपात न हो जिससे विवेक ही छूट जाय।
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जीवन में इतनी भावुकता न आ जाय कि हम समझदारी से ही परे हो जायें! जीवन में भावुकता भले रहे, प्रेम रहे, भक्ति रहे परंतु अति भावुकता, अति पक्षपात भले रहे, प्रेम रहे, भक्ति रहे परंतु अति भावुकता, अति पक्षपात न हो जिससे विवेक ही छूट जाय।
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एक अंजान व्यक्ति से जिसे मैंने कभी देखा नहीं, जाना नहीं के प्रति इतना गहरा लगाव, क्या यह मेरे अति भावुकता का प्रतीक थी जो आज मेरी कमजोरी के रूप में उभर कर सामने आ रही थी या फिर मेरा बचपना था जो शायद अभी तक गया नहीं था, जैसा कि मेरे घर के लोग मुझे हमेशा कहा करते ।
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-क्या दूसरा, तीसरा विवाह कर लेना हमारी अति भावुकता का परिचायक होगा?-कोई व्यक्ति अपने अवैध सम्बन्ध को या अपनी अवैध संतान को ' भावुकता में हो गई भूल ' ठहराए तो क्या वह क्षम्य है?-कोई व्यक्ति भक्ति में बावरा होकर पशु-बलि को प्रेरित होकर उसके मांस को ' काली के प्रसाद ' रूप में खाए और बँटवाये तो क्या वह भक्ति की भावुकता का प्रवाह होगा?