8 / 338 अर्थरू जो कुछ जानकार (आज की भाषा में पढ़ा-लिखा कह सकते हैं) होकर चोरी करे तो उस शूद्र को चोरी से (सामान्य शूद्र को चोरी के लिए दिए जाने वाले दंड से) आठ गुणा अधिक, वैश्य को सोलह गुणा अधिक, क्षत्रिय को बत्तीस गुणा अधिक और ब्राह्मण को चौंसठ गुणा या सौ गुणा या फिर एक सौ अट्ठाइस गुणा (जितना अधिक विद्वान उतना अधिक दंड) अधिक दंड देना चाहिए।
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8 / 338 अर्थरू जो कुछ जानकार (आज की भाषा में पढ़ा-लिखा कह सकते हैं) होकर चोरी करे तो उस शूद्र को चोरी से (सामान्य शूद्र को चोरी के लिए दिए जाने वाले दंड से) आठ गुणा अधिक, वैश्य को सोलह गुणा अधिक, क्षत्रिय को बत्तीस गुणा अधिक और ब्राह्मण को चौंसठ गुणा या सौ गुणा या फिर एक सौ अट्ठाइस गुणा (जितना अधिक विद्वान उतना अधिक दंड) अधिक दंड देना चाहिए।