लेकिन वह आंटी सेल्मा से क्या पूछे-कैसे पूछे? यहाँ सैर करने और बर्फ पर दौड़ करने तो वह स्वेच्छा से ही आयी थी और पहाड़ की अधित्यका में इस काठी-बँगले की स्थिति से आकृष्ट हो गयी थी, और यहाँ रहने का प्रस्ताव भी उसी ने किया था।
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लगता है, निष्कम्प, मौन सारे वन-वृक्ष खड़े हों पीताम्बर, उष्णीष बान्धकर छायातप-कुट्टिम पर. दमक रही कर्पूर धूलि दिग्बन्धुओं के आनन पर ; रजनी के अंगो पर कोई चन्दन लेप रहा है यह अधित्यका दिन में तो कुछ इतनी बडी नहीं थी? अब क्या हुआ कि यह अनंत सागर-समान लगती है?
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ऋग्वेद के सूक्तों में ईरान की अधित्यका या काबुल के पश्चिमी प्रदेशों का आभासन मिलकर हिमालयोत्तर-प्रदेश की स्मृति का आभास मिलता है-ऋग्वेद के अध्ययन से इस बात का पता चल जायगा कि जिन प्राकृतिक दृश्यों को देखकर आर्य-ऋषि मन्त्रमुग्ध हो अपनी सरल परिमार्जित कविता की अंजलि समर्पित करते थे, वे प्राकृतिक दृश्य हिमवन्त के इस पार या उस पार ही सुलभ हैं।
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ऋग्वेद के सूक्तों में ईरान की अधित्यका या काबुल के पश्चिमी प्रदेशों का आभासन मिलकर हिमालयोत्तर-प्रदेश की स्मृति का आभास मिलता है-ऋग्वेद के अध्ययन से इस बात का पता चल जायगा कि जिन प्राकृतिक दृश्यों को देखकर आर्य-ऋषि मन्त्रमुग्ध हो अपनी सरल परिमार्जित कविता की अंजलि समर्पित करते थे, वे प्राकृतिक दृश्य हिमवन्त के इस पार या उस पार ही सुलभ हैं।
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यह रमणीक स्थान नगधिराज हिमालय के एकदम निकट, रमणीक स्थान पर्वत मालावो के मध्य अधित्यका एव उपत्यका भू-भाग से घिरा हुवा, अतीव मनोहारी था! इसी ऋकेश्वर कोट मे सोलह सौ ऋकेश्वर (ऋषि) रहते थे! जहाँ श्री पपना ऋषि के पुत्र भी रहते थे! पौराणिक ग्रंथो मे अधिकांश रूप से यह लिखा गया है की ऋषि गृहस्थ रूप मे एव बड़े-बड़े आश्रम बना कर रहते थे.