जिस मंत्री में निम्म प्रकार के ६ दोष पाए जावे, उसे मंत्री पद से हटा देना चाहिए व नियुक्त नहीं करना चाहिए,-१ भक्षण-राज्य लक्ष्मी को अपने अधीन करना २ राज्य संपत्ति की
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ऐसी ही बात कभी सार्त्र {अस्तित्ववादी दार्शनिक} ने कही थी कि-“ प्रेम का अर्थ है अपनी स्वतंत्रता खोकर किसी और की अधीनता स्वीकार करना, या किसी और की स्वतंत्रता छीन कर उसे अपने अधीन करना... ”
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दरअसल तुम अपनी इच्छाओ के अधीन जो अंधाधुध भागे जा रहे हो, तुम जो इस दौड़ को गति मान रहे हो, तुम जो बाह्य वातावरण को अपने अधीन करना चाह रहे हो ; वही तो तुम्हारी स्थिरता का प्रतीक है.
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2) विद्युत-धारा द्वारा उत्पन्न स्तब्धता, दवाओं का उपयोग, सम्मोहन, स्मृति का विलोपन और झूठी स्मृति या झूठी जानकारी का इरादा करने के लिए अधीन करना और स्थानीय आबादी वश में रखना है-इ का आरोपण के माध्यम से आक्रमण क्षेत्र में
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“2...) विद्युत-धारा द्वारा उत्पन्न स्तब्धता, दवाओं का उपयोग, सम्मोहन, स्मृति का विलोपन और झूठी स्मृति या झूठी जानकारी का इरादा करने के लिए अधीन करना और स्थानीय आबादी वश में रखना है-इ का आरोपण के माध्यम से आक्रमण क्षेत्र में
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कामासुर ने हर्षपूर्वक निवेदन किया-' नाथ! मैं समस्त ब्रह्माण्ड को अपने अधीन करना चाहता हूँ, इसलिए आप वही वर दें, जिससे मैं त्रैलोक्याधीश बन सकूँ और मृत्यु को भी जीत लूँ और मुझे कभी किसी का भय विचलित न कर पावे।
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स्त्रियाँ अपने लिए समान अधिकारों की बात / मांग अवश्य करें मगर उसमे यह भाव नहीं हो कि युगों तक स्त्रियाँ शोषित रही, पुरुषों के अधीन रही तो अब समानता की मांग करते हुए वे शोषक की भूमिका में आ जाये या पुरुषों को अपने अधीन करना चाहे.
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स्त्रियाँ अपने लिए समान अधिकारों की बात / मांग अवश्य करें मगर उसमे यह भाव नहीं हो कि युगों तक स्त्रियाँ शोषित रही, पुरुषों के अधीन रही तो अब समानता की मांग करते हुए वे शोषक की भूमिका में आ जाये या पुरुषों को अपने अधीन करना चाहे.
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कुपुत्र काम, क्रोध, लोभ मोह एवं मत्सर आदि के वशीभूत होने के कारण स्वार्थी एवं अहंकारी के रूप में स्वयं की स्वार्थपरक विधि-व्यवस्था में रहते हुये मनमाना तरीके से कार्यों को करना, उसके फल को भी मनमाने तरीके से भोगना तथा सम्पत्ति को विभाजित कर-कराकर अपने स्वामित्व के अधीन करना चाहते हैं।
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फिर मसीह पर विश्वास करें अर्थात स्वयं को मसीह के अधीन करना-और मात्र उसके विषय अपने विचारों में कुछ विश्वास कर लेना ही नहीं आप किसी पर स्वयं को उसके अधीन किये बिना विश्वास कर सकते हैं एक दुल्हन को उसके विवाह के समय पूछा जाता है, “क्या आप स्वयं को इस पुरुष के लिये समर्पित (अधीन) करना चाहती हो?”