| 31. | यहां मामला ' होनें ' (अस्तित्व) बनाम अनस्तित्व का है ही नहीं! अनस्तित्व केवल हमारी समझ का फेर है...
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| 32. | यहां मामला ' होनें ' (अस्तित्व) बनाम अनस्तित्व का है ही नहीं! अनस्तित्व केवल हमारी समझ का फेर है...
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| 33. | सत-असत अर्थात अस्तित्व-अनस्तित्व से परे, निराकार, हृदय की गुहा में स्थित मुझ परमात्मा को जान जाता है।।
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| 34. | मैं, जो बड़ा आदमी तो क्या हुआ, होने मात्र के किनारे पर खड़ा अनस्तित्व के गर्त्त में झाँक रहा हूँ...
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| 35. | घटना में निहित मिलने, एकाकार होने का भाव तब अधिक स्पष्ट होता है जब घटनम् में वि उसर्ग लगता है जिसमें अनस्तित्व का भाव है।
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| 36. | घटना में निहित मिलने, एकाकार होने का भाव तब अधिक स्पष्ट होता है जब घटनम् में वि उसर्ग लगता है जिसमें अनस्तित्व का भाव है।
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| 37. | यहां `वस्तु का अनस्तित्व से अस्तित्व में आना ' इस प्रतिपत्ति पर आक्षेप कियाजा सकता है कि ऐसा कुछ` वस्तु' नहीं हो सकता जिसका अस्तित्व पर नहीं हो.
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| 38. | अगर वह रति की दुनिया रही भी हो तो जिस रति को वह जानता था उस रति के लिए भी यह दुनिया अनस्तित्व थी, विसंगत भी।
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| 39. | संस्कृत के प्र उपसर्ग में आगे, पहले, सामने, दूर, अत्यंत, बहुत अधिक, प्रमुखता, अभाव, वियोग या अनस्तित्व जैसे भाव है।
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| 40. | मेरी जमीन-जायदाद, रुपया-पैसा सब प्रतिभा का होगा, समाज में उसका एक विशिष्ट स्थान होगा, वह एक अनस्तित्व गृहिणी या माता नहीं, एक प्रतिष्ठित विधवा होगी।
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