“”राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में उभरते अवसरों का लाभपूर्ण तरीके से दोहन और नागालैंड के लोगों के लिए तात्विक आय तथा रोज़गार संभावनाओं के सृजन के लिए बढ़े हुए निवेश, एक निवेशक-सापेक्ष वातावरण, आधारभूत संरचनाओं और संस्थागत समर्थन के प्रावधान, आकर्षक प्रोत्साहन पैकेज और विद्यमान संसाधनों के अनुकूलतम उपयोग के माध्यम से राज्य में तीव्र और जीवनक्षम औद्योगिक विकास को सुगम बनाना“ ”
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इस अधिनियम के तहत उत्तराखंड जल प्रबंधन विनियामक प्राधिकरण की स्थापना की जानी है जो राज्य के भीतर जलसंसाधन के विवेकपूर्ण और साम्यपूर्ण प्रबंधन और जल संसाधन के आवंटन और अनुकूलतम उपयोग को सुगम बनाने, कृषि, औद्योगिक, पेय विद्युत तथा अन्य प्रयोजन के लिए जल उपयोग हेतु प्रभार निर्धारित करने के अलावा बाढ़ नियंत्रण एवं जल निकास की व्यवस्था और उससे लाभान्वित भूमि पर उपकर सेस की दर भी निश्चित करेगा।