किसी अन्जान जगह, अन्जान व्यक्ति के मुहँ से अपना नाम सुनने पर जैसी प्रतिक्रिया होती है,वैसी ही मुख मुद्रा बनाए वो महिला इसकी ओर देखने लगी तो इसने उस महिला को कोई ऎसी बात कही, हालाँकि मुझे ये तो याद नहीं कि इसने क्या कहा था लेकिन इसकी बात सुनकर उस महिला का मुँह खुला का खुला जरूर रह गया।
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एक दम अन्जान व्यक्ति जो सिर्फ हमारी दुकान से कभी कभी कपडा ले जाता था जब उसे हमारे बारे में पता चला कि माँ बाप भाई-बहनों तक ने धोखा दिया है और हमें सारी दुनिया से अलग-थलग सा कर दिया है यहाँ तक कि हमारा पूरा हक़ भी हमें नहीं दिया है तब उन्होंने राह दिखाई.
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एक दम अन्जान व्यक्ति जो सिर्फ हमारी दुकान से कभी कभी कपडा ले जाता था जब उसे हमारे बारे में पता चला कि माँ बाप भाई-बहनों तक ने धोखा दिया है और हमें सारी दुनिया से अलग-थलग सा कर दिया है यहाँ तक कि हमारा पूरा हक़ भी हमें नहीं दिया है तब उन्होंने राह दिखाई.
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इन दिनों में मुझे उसके ईमेल प्राप्त करने की आदत हो गयी थी, उनका कोई पत्र न मिलने से मन व्यथित हो गया, मन ही मन खुद को कोसने लगा कि किसी अन्जान व्यक्ति से समीपता की भला इतनी क्या जरूरत थी? किसी को अपनी कमजोरी बनाना क्या अच्छा था? लेकिन मन और भावनाएं तर्कों पर यकीन नहीं करती ।
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वह व्यक्ति सोच में पड गया, इस अन्जान नगर में, अन्जान व्यक्ति को ऋण देने वाला कौन साहुकार मिल गया? उस व्यक्ति ने नरसिंह मेहता से पूछा, साहुकार तो बिना अमानत या गिरवी रखे कर्ज नहीं देते, आपने क्या गिरवी रखा? ” नरसिंह मेहता ने जवाब दिया, “ मूछ का एक बाल गिरवी रखकर ऋण लाया हूँ।
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किसी अन्जान जगह, अन्जान व्यक्ति के मुहँ से अपना नाम सुनने पर जैसी प्रतिक्रिया होती है, वैसी ही मुख मुद्रा बनाए वो महिला इसकी ओर देखने लगी तो इसने उस महिला को कोई ऎसी बात कही, हालाँकि मुझे ये तो याद नहीं कि इसने क्या कहा था लेकिन इसकी बात सुनकर उस महिला का मुँह खुला का खुला जरूर रह गया।
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सन्तान वालो के लिये भी यह ध्यान मे रखना जरूरी है कि वे अपनी संतान का विशेष ख्याल रखे, बुरी संगति और चोरी आदि की आदते छोटी सन्तान मे आने की बात मिलती है तथा बडी संतान के अन्दर बीमारिया शिक्षा आदि मे अवरोध भी मिलता है किसी अन्जान व्यक्ति या विश्वास वाले व्यक्ति के द्वारा जीवन साथी के साथ विश्वासघात जैसी बाते भी देखी जा सकती है।
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अब आप लोग कहीं यह ना समझाने लगना कि ' अबे बेवकूफ, दुनिया गोल है तब कहते हैं जब कोई बार-बार टकराता है या फिर किसी अन्जान व्यक्ति से मिलने पर पता चलता है कि यह हमारे किसी करीबी के माध्यम से पहले ही हमसे जुड़ा हुआ है और हमको भनक तलक नहीं जी.... इसीलिए मैंने पहले ही यह यूनिवर्सल ट्रुथ आपके सामने लिख दिया कि 'दुनिया गोल है' के अर्थ भी गोले के छोर के जितने निकलते हैं(आदर्श परिस्थितियों में यहाँ तुलना लोहे के गोले से है ना कि ऊन के)..