दिन के प्रकाश में मानो फिर काला परदा पड़ जाता है और भूतकाल के प्राणी दृष्टि से अन्तर्हित हो जाते हैं-“उस सुनसान परित्यक्त महल में रात्रि के समय सुन पड़ती हैं।
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ये शक्तियाँ उनकी विभिन्न अवस्थायें हैं, जो यथाकाल प्रकट होती और अन्तर्हित होती रहती हैं, और अपने केन्द्र स्थान से सह्स्त्रों रूप धारण कर आवश्यक कार्य समूह उत्पन्न करती दिखलाती हैं।
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जैसे कमलगट्टे के अन्दर वह बीज विद्यमान है, जिसमें होने वाली कमलिनी का लतारूप अन्तर्हित है, वैसे ही अज्ञानी द्रष्टा में वह दृश्य-बुद्धि रहती है, जिसमें भावी संसार अन्तर्हित है।
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जैसे कमलगट्टे के अन्दर वह बीज विद्यमान है, जिसमें होने वाली कमलिनी का लतारूप अन्तर्हित है, वैसे ही अज्ञानी द्रष्टा में वह दृश्य-बुद्धि रहती है, जिसमें भावी संसार अन्तर्हित है।
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वह सुलभनिद्रा अब एकदम अन्तर्हित हो चुकी है और इधर-उधर करवट बदलने की मेरी वह पुरानी आदत तथा रात्रि में भोजन के बाद गर्मी लगने की अनुभूति पुनः वापस लौट आयी है।
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वह सुलभनिद्रा अब एकदम अन्तर्हित हो चुकी है और इधर-उधर करवट बदलने की मेरी वह पुरानी आदत तथा रात्रि में भोजन के बाद गर्मी लगने की अनुभूति पुनः वापस लौट आयी है।
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इन उक्तियों में अन्तर्हित भावना यह है कि ब्राह्मण-काल में वैदिक लोग यज्ञ-सम्पादन को अति महत्त्व देते थे, जैसा कि ऋग्वेद [23] में आया है-' यज्ञेय यज्ञमयजन्त देवास्तानि धर्माणि प्रथमान्यसन्।
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[23] हमने यह भी देख लिया है कि ब्राह्मण-काल में अत्यन्त पुनीत नदी सरस्वती कुरुक्षेत्र से होकर बहती थी और जहाँ यह मरुभूमि में अन्तर्हित हो गयी थी उसे 'विनशन' कहा जाता था और वही भी एक तीर्थस्थल था।
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[3] हमने यह भी देख लिया है कि ब्राह्मण-काल में अत्यन्त पुनीत नदी सरस्वती कुरुक्षेत्र से होकर बहती थी और जहाँ यह मरुभूमि में अन्तर्हित हो गयी थी उसे ' विनशन ' कहा जाता था और वही भी एक तीर्थस्थल था।
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परा. मा.[240] के मत से नित्य कर्मों का सम्पादन संस्कारक (जो कि मन को पवित्र बना दे और उसे शुभ कर्मों की ओर प्रेरित करे) कहा जाता है, किन्तु कुछ परिस्थितियों में यह अप्रत्यक्ष अन्तर्हित रहस्य (परम तत्त्व) की जानकारी की अभिकांक्षा भी उत्पन्न करता है।