रमानाथ यों उसे बहुत अच्छा लगता था, किसी हद तक उसके प्रति आकर्षण भी था ; पर अन्तिम सीमा तक पहुँच कर झटके के साथ उसने पहचाना कि रमानाथ के प्रति अपने आपको समर्पित नहीं कर पाएगी।
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देखो तक़्वा ही वह चीज़ है कि जिस से गुनाहों का डंक काटा जाता है और यक़ीन (दर्ढ़ विश्वास) ही से मुन्तहा ए मक़सद (उद्देश की अन्तिम सीमा) की कामरानियाँ (सफ़लतायें) हासिल होती हैं।
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अवशेष 1958 में दिल्ली से 45 किलोमीटर उत्तर-पूर्व की ओर, यमुना की एक सहायक नदी के किनारे, आलमगीर नामक स्थान पर हड़प्पा संस्कृति के अवशेष मिले हैं, पर आलमगीर हड़प्पा के लोगों की पूर्व की ओर की अन्तिम सीमा नहीं है।
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1958 में दिल्ली से 45 किलोमीटर उत्तर-पूर्व की ओर, यमुना की एक सहायक नदी के किनारे, आलमगीर नामक स्थान पर हड़प्पा संस्कृति के अवशेष मिले हैं, पर आलमगीर हड़प्पा के लोगों की पूर्व की ओर की अन्तिम सीमा नहीं है।
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इस पर परशुराम बोले-‘‘ जब मनुष्य अपना कर्त्तव्य भूलकर दूसरों पर अत्याचार करने लगता हैऔर जब उसका दुराचार अन्तिम सीमा पर पहुँच जाता है तब हम लोगों में से ही किसी में भगवान प्रकट होते हैं और पापियों को सज़ा देते हैं।
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ऎसे अनेकानेक यज्ञों की बृहद् से बृहद्तर होती क्रम-क्रमशःश्रंखला की यह यज्ञ प्रक्रिया जब अपनें चरम पर पहुँच कर पर्यवसित होती है तो यही अन्तिम सीमा ‘ ईश्वर ' के नाम से संज्ञायित होती है और वैदिकी में वह महाविराट और आधुनिक विज्ञान की भाषा में मैक्रोकाँस्म ' कहा जाएगा।
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यह ठीक है कि शुक्ल ने विद्यापति को आदिकाल के अन्तर्गत रखा है, पर विद्यापति का रचना काल 1375 ई 0 से 1418 ई 0 के मध्य माना जाता है और इस दृष्टि से आदिकाल की अन्तिम सीमा 1418 ई 0 निर्धारित की जा सकती है, किन्तु इसमें भी नहीं की।
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Michael H. Hart ने अपनी पुस्तक The 100 (New York 1978) मे लिखा है कि “ आप इतिहास के मात्र व्यक्ति है जो अन्तिम सीमा तक सफल रहे धार्मिक स्तर पर भी और सांसारिक स्तर पर भी” आखिर क्यो एक इसाई मुहम्मद सल्ल० को दुनिया के क्रान्तिकारी व्यक्तियो मे प्रथम स्थान दे रहा है?
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Michael H. Hart ने अपनी पुस्तक The 100 (New York 1978) मे लिखा है कि “ आप इतिहास के मात्र व्यक्ति है जो अन्तिम सीमा तक सफल रहे धार्मिक स्तर पर भी और सांसारिक स्तर पर भी ” आखिर क्यो एक इसाई मुहम्मद सल्ल ० को दुनिया के क्रान्तिकारी व्यक्तियो मे प्रथम स्थान दे रहा है?
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दिल के अंधे का मुन्तहाए नज़र (दृष्टि की अन्तिम सीमा) यही दुनिया होती है, कि उसे इस के सिवा कुछ नज़र नहीं आता, और नज़र रख़ने वाले की निगाहें उस के पार चली जाती हैं और वह इस उम्र (बात) का यक़ीन (विश्वास) रखता है कि इस के बाद भी एक घर है।