ज्ञात कारणों में प्राकृतिक और कृत्रिम अयानिकृत विकिरण, इंसानों में पाए जाने वाले विषाणु जैसे मानव संबंधी T-लिम्फोट्रोपिक विषाणु, और कुछ रासायानिक पदार्थ, विशेष रूप से बेंजीन और पिछले घातक ऊतक-समूह के लिए अल्काइल समूह संबंधी कीमोथेरैपी अभिकारक शामिल होते हैं.
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प्रश्न उठता है कि इस नियतांक का मान क्या होगा? उदाहरण के लिए किसी रासायनिक अभिक्रिया में यदि २ ग्राम तथा ३ ग्राम के दो अभिकारक लिए जाएँ तो अभिक्रिया के बाद बने कुल उत्पादों का द्रव्यमान ५ ग्राम होगा.
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अनाक्सिकारक पदार्थ-कोशिकाओं में भारी मात्रा में तहस-नहस होते रहना ही बुढापे की ओर अग्रसर होने का एक मात्र कारण है | भाग्यवश प्रकृति में कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ विद्यमान है जो की अनियंत्रित ऑक्सीकरण का विरोध करते है | और जो शारीर में free redical (मुक्त अभिकारक) के द्वारा सजीव कोशिकाओं को भारी मात्रा में क्षतिग्रस्त होना भी बुढापे के संकेत है | इनमे सबसे शक्तिशाली अनाक्सिकारक पदार्थ विटामिन-इ है | विटा कैरोटिन जो हरे सब्जियां, पपीता, पीले फल इत्यादि में होता है जो विटामिन ए का प्रतिरूप है |