| 31. | इस स्थिति में अभिमन्त्रित धुँआ फ़ेंकने और अन्य क्रियाओं द्वारा वह पूर्णतया मुक्त हो जाता है ।
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| 32. | लेकर गुरु-मन्त्र से १०० बार (१०८ बार नहीं) अभिमन्त्रित कर दशों दिशाओं में दस-दस दाना फेंक दें।
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| 33. | फिर २ १ बार पानी को अभिमन्त्रित कर रोगी को पिलावें, तो दाद रोग जाता है।
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| 34. | मन्त्रों के साथ उसी पर दृष्टि टिकाए रखकर उसे अपनी भावना से अभिमन्त्रित करने का भाव करें।
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| 35. | इस मन्त्र का १०८, 108 बार जप कर एक लौंग को अभिमन्त्रित लौंग को, साध्य को खिलाए
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| 36. | ॐ भं भं भं अमुक-मोहनाय स्वाहा।”विधिः-उक्त मन्त्र को सात बार पढ़कर पीपल के पत्ते को अभिमन्त्रित करे।
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| 37. | प्रयोग हेतु फल, फूल, पान कोई भी खाने-पीने की चीज उक्त मन्त्र से अभिमन्त्रित कर साध्य को दे।
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| 38. | अभिमन्त्रित होने के कारण धरातल के सर्व-प्रधान प्रदेशों में पूज्य दृष्टि से देखे जाते और सम्मानित होते हैं।
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| 39. | उसने एक लकङी से एक अभिमन्त्रित बङा घेरा खोह के आसपास खींचकर उस जगह को बाँध दिया ।
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| 40. | इसके अतिरिक्त “ नागकेसर ” को प्रत्येक प्रयोग में “ ॐ नमः शिवाय ” से अभिमन्त्रित करना चाहिए।
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