बाल साहित्य में साहित्यकार को अपनी अतीत की स्नेहिल स्मृतियों को सँजोना होता है या फिर नितांत बालक बनकर जीवन की अनुभूतियों को व्यावहारिक काल्पनिक स्वर देकर अभिव्यक्ति कौशल से उकेरना।
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बाज़ारीकरण ने आर्थिक उदारीकरण, सूचनाक्रांति तथा जीवनशैली के वैश्वीकरण की जो स्थितियाँ भारत की जनता के सामने रखी, इसमें संदेह नहीं कि उनमें पड़कर हिंदी भाषा के अभिव्यक्ति कौशल का विकास ही हुआ।
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लीलाधर जगूड़ीः सृष्टि के कारक तत्व की तरह कवि को भी ‘स्वयंभू ' कहा गया है अर्थात अपने आप अपनी प्रतिभा, अपने विवेक, अपने अनुभव से निजि दृष्टि के अभिव्यक्ति कौशल में स्वयं जन्म लेना।
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बाज़ारीकरण ने आर्थिक उदारीकरण, सूचनाक्रांति तथा जीवनशैली के वैश्वीकरण की जो स्थितियाँ भारत की जनता के सामने रखी, इसमें संदेह नहीं कि उनमें पड़कर हिंदी भाषा के अभिव्यक्ति कौशल का विकास ही हुआ।
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हिन्दी ब्लॉग उन साहित्य एवं साहित्यकारों की रचनात्मकता को वैश्विक धरातल प्रदान कराते है जो अंतर्जाल मे हिन्दी की अनिवार्यता एवं खास तकनीक में दक्षता के बगैर अपनी अभिव्यक्ति कौशल के बावजूद बौने जैसे रह गये थे।
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हिन्दी चिट्ठा उन साहित्य एवं साहित्यकारों की रचनात्मकता को वैश्विक धरातल प्रदान कराते है जो अंतर्जाल मे हिन्दी की अनिवार्यता एवं खास तकनीक में दक्षता के बगैर अपनी अभिव्यक्ति कौशल के बावजूद बौने जैसे रह गये थे।
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हिन्दी ब्लॉग उन साहित्य एवं साहित्यकारों की रचनात्मकता को वैश्विक धरातल प्रदान कराते है जो अंतर्जाल मे हिन्दी की अनिवार्यता एवं खास तकनीक में दक्षता के बगैर अपनी अभिव्यक्ति कौशल के बावजूद बौने जैसे रह गये थे।
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हिन्दी ब्लॉग उन साहित्य एवं साहित्यकारों की रचनात्मकता को वैश्विक धरातल प्रदान कराते है जो अंतर्जाल मे हिन्दी की अनिवार्यता एवं खास तकनीक में दक्षता के बगैर अपनी अभिव्यक्ति कौशल के बावजूद बौने जैसे रह गये थे।
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हिन्दी जाल-पत्रिका (ब्लॉग) उन साहित्य एवं साहित्यकारों की रचनात्मकता को वैश्विक धरातल प्रदान कराते है जो अंतर्जाल मे हिन्दी की अनिवार्यता एवं खास तकनीक में दक्षता के बगैर अपनी अभिव्यक्ति कौशल के बावजूद बौने जैसे रह गये थे।
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लीलाधर जगूड़ीः सृष्टि के कारक तत्व की तरह कवि को भी ‘ स्वयंभू ' कहा गया है अर्थात अपने आप अपनी प्रतिभा, अपने विवेक, अपने अनुभव से निजि दृष्टि के अभिव्यक्ति कौशल में स्वयं जन्म लेना।