यह अंतिम 10 माह में सतत् धारित प्रत्येक रैंक ग्रुप तथा अर्हक सेवा पर आधारित है तथा उसी के आधार पर पेंशन सारणी बनायी गयी है, जो कार्मिक 1-1-96 से 9-10-97 के मध्य तथा 10-10-97 या उसके बाद सेवानिवृत हए है उनके लिए दरें विभिन्न प्रकार की होंगी ।
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अशक्तता ग्रेच्यूटी यदि आफिसर की सेवा 10 वर्ष से कम है तथा उनकी अशक्तकारी नियोक्तता स्वीकृत कर दी गई है तो वह सेवानिवृति उपदान के अतिरिक्त जहां स्वीकार्य हैं अर्हक सेवा हेतु किये गयो प्रत्येक छमाही अवधि के आधे माह के वेतन मा मंहगाई भत्ता सहित 1. 1.96 से अशक्तता उपदान के हकदार होगे।
33.
पी बी ओ आर के संबंध में सेवा पेंशन, अर्हक सेवा के 33 वर्ष के लिए वेतनमान के अधिकतम सीमा 50% जिसमें अधिकतम वगाकरण भते का 50% शामिल है, यदि कोई हो रैंक की गणना सेवा निवृति के पूर्व निरंतर की गई 10 माह की अवधि सेवा रैंक/वेतन ग्रप के आधार पर की जाती है ।
34.
यदि अर्हक सेवा 15 वर्ष से कम है और व्यक्ति स्वयं के अनुरोध पर सेवामुक्त होता है, तो वह सेवा पेंशन का हकदार नहीं होगा,यदि अर्हक सेवा 15 वर्ष या उससे अधिक की गई है तो सेवा पेंशन रैंक तथा समूह एवं पूर्ण की गई अर्हक सेवा जो सेवा निवृत के शर्तो के अनसार हो,सेवा पेंशन देय होगी ।
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यदि अर्हक सेवा 15 वर्ष से कम है और व्यक्ति स्वयं के अनुरोध पर सेवामुक्त होता है, तो वह सेवा पेंशन का हकदार नहीं होगा,यदि अर्हक सेवा 15 वर्ष या उससे अधिक की गई है तो सेवा पेंशन रैंक तथा समूह एवं पूर्ण की गई अर्हक सेवा जो सेवा निवृत के शर्तो के अनसार हो,सेवा पेंशन देय होगी ।
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यदि अर्हक सेवा 15 वर्ष से कम है और व्यक्ति स्वयं के अनुरोध पर सेवामुक्त होता है, तो वह सेवा पेंशन का हकदार नहीं होगा,यदि अर्हक सेवा 15 वर्ष या उससे अधिक की गई है तो सेवा पेंशन रैंक तथा समूह एवं पूर्ण की गई अर्हक सेवा जो सेवा निवृत के शर्तो के अनसार हो,सेवा पेंशन देय होगी ।
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5 वर्ष की अर्हक सेवा पूर्ण करने वाला व्यक्ति अपनी सेवा समाप्ति के उपरांत सेवा / अशक्तता ग्रेच्यूटी या किसी प्रकार की पेंशन प्राप्त करने का हकदार होगा सेवानिवृत ग्रेच्यूटी गणनीय परिलब्धियों(वेतन एवं ड़ी पी साथ ही वर्गीकरण भत्ता यदि कोई है एवं अशक्तता/सेवामुक्त होने की तिथि पर महँगाई राहत शामिल है)के 1/4 जो उसका अधिकतम 16.5 गुना होगा स्वीकृत किया जायेगा परंत यह राशि 3.5 लाख से अधिक नही होगी ।
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४ सीधी भर्ती: राष्ट्रीय परिषद (सयुक्त परामर्श तन्त्र) में किए गए एक समझौते केआधार पर यह निश्चय किया गया है कि ऐसे सभी मामलों में जिनमें पद पर वास्तविकनियुक्ति से पहले सेवा-पूर्व प्रशिक्षण अवश्यक समझा जाता है, ऐसी नियुक्ति केतत्काल बाद, अधिकारी द्वारा प्रशिक्षण में कीगई अवघि को विभागीय परीक्षा मे बैठने की पालसाकी पात्रता के प्रयोजनो से अर्हक सेवा के रूप मे गिना जाएगा भले ही उस अघिकारी कोपद का वेतनमान न देकर केवल सांकेतिक वेतन ही दिया जाता है.
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अब इस योजना को उदार बना दिया गया हैऔर अर्हक सेवा में अधिभार की अधिकतम सीमा ३० वर्ष से बढ़ाकर ३३ वर्षकर दी गई है तथा अर्हत सेवा में अधिक से अधिक ५ वर्ष की वृद्धि स्वेच्छया सेवानिवृत्ति के सभी मामलों में लागू कर दी गई है भले ही सेवा निवृत्ति के लिये अनुमति लागई हो बशर्ते कि सरकारी सेवक द्वारा की गई कुल अर्हक सेवा किसी भी दशा मे तीसवर्ष से अधक नहीं हो और वह अधिवर्षता की आयु से आगे बढ़ती हो.
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अब इस योजना को उदार बना दिया गया हैऔर अर्हक सेवा में अधिभार की अधिकतम सीमा ३० वर्ष से बढ़ाकर ३३ वर्षकर दी गई है तथा अर्हत सेवा में अधिक से अधिक ५ वर्ष की वृद्धि स्वेच्छया सेवानिवृत्ति के सभी मामलों में लागू कर दी गई है भले ही सेवा निवृत्ति के लिये अनुमति लागई हो बशर्ते कि सरकारी सेवक द्वारा की गई कुल अर्हक सेवा किसी भी दशा मे तीसवर्ष से अधक नहीं हो और वह अधिवर्षता की आयु से आगे बढ़ती हो.