शीर्षकों को पुरुषों द्वारा अन्य पुरुषों के लिए लिखा गया था और इसमें सामान्य गपशप व धूम्रपान के प्रति प्रेम के काव्य चिंतन और इससे संबंधित सभी चीज़ें शामिल हैं, तथा साथ ही परिपक्व अविवाहित जीवन की निरंतर सराहना की गई है.
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शीर्षकों को पुरुषों द्वारा अन्य पुरुषों के लिए लिखा गया था और इसमें सामान्य गपशप व धूम्रपान के प्रति प्रेम के काव्य चिंतन और इससे संबंधित सभी चीज़ें शामिल हैं, तथा साथ ही परिपक्व अविवाहित जीवन की निरंतर सराहना की गई है.
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साहित्य सर्जना करती नारी, उसके नारी-पात्र स्वतन्त्र यौन सम्बन्ध्ाों को बनाने में, सेक्स पार्टनर बदलने में, विवाहेत्तर अथवा विवाहपूर्व शारीरिक सम्बन्धों को बनाने में, अनब्याही माँ बनने में, अविवाहित जीवन व्यतीत करने में किसी तरह का अपराध-बोध नहीं स्वीकारते हैं।
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तो क्या उन के इस व्यवहार और मनोविज्ञान की पड़ताल उन के अविवाहित जीवन में ढूंढा जाना चाहिए? जाने ऐसा क्या है कि भारतीय राजनीति में अभी सक्रिय कोई चार महिलाएं जो राजनीति के पहले पायदान पर दीखती तो हैं पर अपनी तानाशाही और बदमिजाजी के चलते उन्हें वह स्वीकार्यता और सम्मान नहीं मिल पाता समाज और राजनीति दोनों में, जिस की कि वह हकदार भी हैं।