तकीनीकी ज्ञान की श्रेष्ठता पर मिन्स्की के विश्वास और उनके द्वारा आज के मानविकी विद्वानों को कर डॉलर से समर्थित अतीत के पुराने पड़ चुके अवशेष जी. आई. बिल के दिनों को भोलेपन से याद करने वाली अव्यवहारिकता के स्तर तक गिराना, उन विद्वानों और सांस्कृतिक समीक्षकों द्वारा दिए गए तर्कों को प्रतिबिंबित करता है जो स्वयं को उत्तर-मानवतावादी या ट्रांसह्युमनिस्ट कहते हैं.
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तकीनीकी ज्ञान की श्रेष्ठता पर मिन्स्की के विश्वास और उनके द्वारा आज के मानविकी विद्वानों को कर डॉलर से समर्थित अतीत के पुराने पड़ चुके अवशेष जी. आई. बिल के दिनों को भोलेपन से याद करने वाली अव्यवहारिकता के स्तर तक गिराना, उन विद्वानों और सांस्कृतिक समीक्षकों द्वारा दिए गए तर्कों को प्रतिबिंबित करता है जो स्वयं को उत्तर-मानवतावादी या ट्रांसह्युमनिस्ट कहते हैं.