वाक् का विकास और अशाब्दिक संप्रेषण के साधनों जैसे कि भाव-भंगिमाएं (expression-gestures), लहजा (tone) आदि का विकास साथ-साथ होता है।
32.
अशाब्दिक संप्रेषण के साधनों और शाब्दिक संदेशों के उद्देश्यों तथा अंतर्वस्तु (content) की परस्पर-अनुरूपता (congruence), संप्रेषण की संस्कृति का एक तत्व है।
33.
शाब्दिक के स्थान पर अशाब्दिक संप्रेषण अन्य लोगों के प्रति अधिक सभ्य तथा अच्छा समझा जाता है, उदाहरण के लिये शर्मिन्दगी की स्थितियों को रोकने के लिये.[10]
34.
शाब्दिक के स्थान पर अशाब्दिक संप्रेषण अन्य लोगों के प्रति अधिक सभ्य तथा अच्छा समझा जाता है, उदाहरण के लिये शर्मिन्दगी की स्थितियों को रोकने के लिये.
35.
अशाब्दिक संप्रेषण को शारीरिक हाव-भाव एवं स्पर्श (हैपटिक संप्रेषण), शारीरिक भाषा एवं भावभंगिमा, चेहरे की अभिव्यक्ति या आँखों के संपर्क से भी संप्रेषित किया जा सकता है।
36.
अशाब्दिक संप्रेषण के साधन जैसे कि आपने कहा है शारीरिक संकेत (अभिनय) बगैरा, इसी शाब्दिक संप्रेषण का अंग बनकर ही उसे और सटीक तथा पुख़्ता करते हैं।
37.
[17] जब मिले जुले संदेश व्यक्त होते हैं तब अशाब्दिक संप्रेषण स्थिति को स्पष्ट करने के लिये अतिरिक्त सूचना प्राप्त करने के लिये व्यक्तियों द्वारा प्रयोग किया जाने वाला प्रमुख साधन है;
38.
साथ ही साथ, सतहों तथा बनावट के बारे में सूचना उपलब्ध कराते हुये यह अंतर्वैयक्तिक संबंधों में अशाब्दिक संप्रेषण का एक अवयव है एवं शारीरिक नजदीकी को सूचित करने में महत्त्वपूर्ण है.
39.
अशाब्दिक संप्रेषण (एन वी सी) को शारीरिक हाव-भाव एवं स्पर्श (हैपटिक संप्रेषण), शारीरिक भाषा एवं भावभंगिमा, चेहरे की अभिव्यक्ति या आँखों के संपर्क से भी संप्रेषित किया जा सकता है.
40.
अशाब्दिक संप्रेषण का प्रथम वैज्ञानिक अध्ययन चार्ल्स डार्विन की पुस्तक द एक्सप्रेसन ऑफ द इमोशन इन मैन एंड एनिमल (1872) थी. उन्होंने तर्क दिया कि सभी स्तनपायी अपने चेहरे पर भावाभिव्यक्ति दर्शाते हैं.